
बिहार में AK47 से हत्या किए जाना आम बात हो गई है. पिछले कुछ वर्षों में अपराधी कई बार AK47 का इस्तेमाल कर रहे हैं. मुजफ्फरपुर में पूर्व मेयर समीर कुमार की हत्या में एके47 का इस्तेमाल किया गया. समीर पर हमले में पूरी मैगजीन खाली कर दी गई. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर इतनी AK47 बिहार में आई कैसे?
पहली बार 17 दिसंबर, 1995 की रात को पश्चिम बंगाल के पुरलिया कस्बे में हथियार गिराए थे. पैराशूट की मदद से गिराए गए कुछ बक्सों में बुल्गारिया में बनी 300 एके47 और एके 56 राइफलें, लगभग 15 हजार गोलियां, आधा दर्जन रॉकेट लांचर, हथगोले, पिस्तौलें और अंधेरे में देखने वाले उपकरण शामिल थे.
ऐसे ये हथियार कई अपराधियों के हाथ लग गए थे. लेकिन उसके बाद भी नेपाल और बांग्लादेश से तस्करी कर ये जानलेवा हथियार बिहार के अपराधियों को बेचे जाते रहे हैं.
लेकिन मुजफ्फरपुर का ताजा मामला बेहद चौंकाने वाला है. जिसका कनेक्शन जबलपुर से है. जानकारी के मुताबिक वहां के रिटायर्ड आर्मर पुरुषोत्तम ने सेना के डिपो से चोरी कर भारी मात्रा में AK47 बिहार में बेची हैं. इस काम में मुंगेर से एक सेना का जवान भी शामिल था. मियाजुल नामक वो जवान पश्चिम बंगाल के बागडोगरा में लांस लायक के पद पर था.
जांच में पता चला कि पुरुषोत्तम लाल इस गोरखधंधे को चलाने के लिए सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो में तैनात सुरेश ठाकुर नामक एक कर्मचारी की मदद लिया करता था. दरअसल, जबलपुर में रक्षा मन्त्रालय की कई फैक्ट्रियां और गोदाम हैं. जहां सेना के लिए गोला बारूद और हथियार बनाए जाते हैं.
पुलिस ने सुरेश ठाकुर को भी गिरफ्तार कर लिया. वह जबलपुर के सेंट्रल आर्डिनेंस डिपो में तैनात था. उसके पास एके47 सहित कई बेकार हो चुके खतरनाक हथियारों को गोदाम में रखने की जिम्मेदारी थी. आरोपी सुरेश ठाकुर सीओडी फैक्ट्री का अधिकारी होने के पूरा फायदा उठाकर अपनी गाड़ी में बेकार हो चुकी AK47 चुराकर ले जाता था और शातिर पुरुषोत्तम लाल को दे देता था.
चुराई गई बेकार AK47 को शातिर पुरुषोत्तम लाल रजक फिर से सुधारकर सही करता और फिर उसे अपने ग्राहकों को साढ़े चार लाख रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक बेच देता था. पुरुषोत्तम और सुरेश COD से AK47 चोरी कर उसके अलग-अलग पार्ट करके मुंगेर लाते थे. वहीं उसे असेम्बल किया जाता था. फिर से अपराधियो और नक्सलियों को बेचा जाता था.
मुंगेर के एसपी बाबूराम के मुताबिक पुरुषोत्तम ने 60 से 70 एके47 बिहार में बेची हैं. इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुरुषोत्तम और सुरेश को जबलपुर से गिरफ्तार किया गया था. जबकि मियाजुल और उसके भाई इमरान, शमशेर और बहन रिजवाना को मुंगेर में गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस इन शातिर बदमाशों की निशानदेही पर अब तक 8 एके47 बरामद कर चुकी है. चोरी और तस्करी का ये धंधा 2012 से चल रहा था. मुजफ्फरपुर के पूर्व मेयर समीर कुमार और ड्राइवर रोहित की हत्या भी AK47 से की गई है. इसलिए पुलिस की जांच उधर की तरफ भी घूम रही है.
फिलहाल, पुलिस समीर कुमार के हत्यारों की तलाश कर रही है. जानकारों के मुताबिक इस हत्याकांड के पीछे ज़मीनी विवाद भी एक वजह हो सकता है.