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मोदी-योगी के पहुंचने से पहले इलाहाबाद से हटाए गए बाहुबली अतीक

इलाहाबाद में आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रोग्राम से पहले ही बाहुबली अतीक अहमद को नैनी सेंट्रल जेल से देवरिया शिफ्ट कर दिया गया. सपा से पूर्व सांसद पर यूनिवर्सिटी में हुए मारपीट का मामला दर्ज हुआ था. इसके बाद में उन्होंने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. अतीक से पहले मुख्तार अंसारी को भी लखनऊ से बांदा जेल भेजा गया है.

बाहुबली अतीक अहमद बाहुबली अतीक अहमद
मुकेश कुमार
  • लखनऊ,
  • 03 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 12:14 AM IST

इलाहाबाद में आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रोग्राम से पहले ही बाहुबली अतीक अहमद को नैनी सेंट्रल जेल से देवरिया शिफ्ट कर दिया गया. सपा से पूर्व सांसद पर यूनिवर्सिटी में हुए मारपीट का मामला दर्ज हुआ था. इसके बाद में उन्होंने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. अतीक से पहले मुख्तार अंसारी को भी लखनऊ से बांदा जेल भेजा गया.

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जानकारी के मुताबिक, हत्या से लेकर जबरन वसूली सहित कई अपराधिक मामलों के आरोपी अतीक अहमद पर इलाहबाद के कृषि संस्थान शियाट्स यूनिवर्सिटी में अपने गुर्गो के साथ सरेआम मारपीट का आरोप है. बताया जाता है कि अतीक असलहों के साथ संस्थान में घुसे और निदेशक के कमरे में गुंडागर्दी करते हुए मारपीट की थी. पूरा मामला सीसीटीवी में कैद हो गया था.

जानें, कौन है अतीक अहमद
बताते चलें कि अतीक अहमद का जन्म 10 अगस्त 1962 को हुआ था. वह उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जनपद के रहने वाले हैं. उन्होंने हाई स्कूल में फेल हो जाने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी. कई माफियाओं की तरह अतीक ने भी जुर्म की दुनिया से सियासत की दुनिया का रुख किया था. पूर्वांचल में सरकारी ठेकेदारी, खनन और उगाही के कई मामलों में उनका नाम आया.

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17 की उम्र में पहला केस दर्ज
जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही अतीक अहमद के खिलाफ पहला मामला दर्ज हुआ था. वो मुकदमा था हत्या का. बात 1979 की है जब 17 साल की उम्र में अतीक अहमद पर कत्ल का इल्जाम लगा था. उसके बाद अतीक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. साल दर साल उनके जुर्म की किताब के पन्ने भरते जा रहे थे. 1992 में पुलिस ने अतीक का कच्चा चिट्ठा जारी किया था.

अतीक के खिलाफ 44 केस
अतीक अहमद के खिलाफ यूपी के लखनऊ, कौशाम्बी, चित्रकूट, इलाहाबाद ही नहीं बल्कि बिहार राज्य में भी हत्या, अपहरण, जबरन वसूली आदि के मामले दर्ज हैं. अतीक के खिलाफ सबसे ज्यादा मामले इलाहाबाद जिले में ही दर्ज हुए. आकड़ों के अनुसार वर्ष 1986 से 2007 तक ही उसके खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा मामले केवल गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज किए गए.

राजनीति में पहला कदम
जुर्म की दुनिया से अतीक ने राजनीति का रुख कर लिया. 1989 में पहली बार इलाहाबाद (पश्चिमी) विधानसभा सीट से विधायक बने अतीक अहमद ने 1991 और 1993 का चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा और विधायक भी बने. 1996 में इसी सीट पर अतीक को समाजवादी पार्टी ने टिकट दिया और वह फिर से विधायक चुने गए. फिलहाल जेल में बंद हैं.

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