
छत्तीसगढ़ में नोटबंदी का व्यापक असर नक्सल प्रभावित इलाकों में हुआ है. यहां नक्सलियों के करीब 1200 करोड़ बर्बाद हो गए है. बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना के कोर एरिए से नक्सली सालाना 1500 करोड़ की लेव्ही वसूलते हैं. वे अब तक करीब 900 करोड़ वसूल चुके थे. इसी बीच सरकार ने 500-1000 के नोटों पर बैन लगा दिया, जिससे उनको बड़ा धक्का लगा. अब वे बैंकों या एटीम को निशाना बना सकते हैं.
जानकारी के मुताबिक, नक्सलियों के पास मौजूद रकम में आधी रकम कैडर के खर्चों में खप गई, लेकिन करीब 500 करोड़ रुपये की रकम को बदलने के लिए नक्सलियों ने जंगल विभाग के ठेकेदारो से संपर्क किया है. इसके अलावा वो मनरेगा और दूसरे विकास कार्यों में जुटे दिहाड़ी मजदूरों से खुल्ले रुपये जमा करने की गुहार लगा रहे हैं. इसके बदले पुराने 500-1000 के नोट उन्हें सौंपकर बैंकों और पोस्ट ऑफिस से उन नोटों को बदलने के निर्देश दे रहे हैं.
इस माह से नक्सली दल में शामिल लोगों को वेतन के लाले पड़ेंगे. इससे से निपटने के लिए नक्सलियों ने नए नोटों का जुगाड़ करना शुरू किया है. बस्तर के दो ठेकेदारों ने इस बाबत पुलिस को जानकारी दी है कि कांकेर के जंगल में नक्सली पॉइंटर ने उनके आगे बड़ी रकम के इंतजाम के निर्देश दिए. हालांकि, दोनों ठेकेदार ना तो मीडिया के सामने आए और ना ही उन्होंने अपनी जान के जोखिम को देखते हुए कोई लिखित में शिकायत दी है. लेकिन पुलिस अलर्ट है.
पुलिस ने बैंकों को निर्देशित किया है कि वो बड़ी रकम ब्रांचों में ना रखे. इसके अलावा एटीएम में भी इतनी सीमित रकम रखने के लिए कहा गया है, जितना की ग्राहकों को आवश्यकता अनुरूप रहे. पुलिस को अंदेशा है कि नए नोट के इंतजाम में नक्सली कहीं बैंकों और एटीएम को लूटने की वारदात को ना अंजाम दे दें. नक्सलियों ने अभी से साप्ताहिक हाट बाज़ारों में नए नोट के इंतजाम की कवायत शुरू कर दी है. वे व्यापारियों से भी संपर्क कर रहे हैं.