
मानेसर गैंगरेप-मर्डर केस में आईएमटी थाने के एसएचओ नरेंद्र यादव पर गाज गिर सकती है. इस मामले में पुलिस की कई लापरवाही सामने आईं हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई चाहती है.
राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम इस केस की बारीकियों को जानने के लिए शुक्रवार को एक बार फिर गुड़गांव पहुंची. आयोग की सदस्या रेखा शर्मा ने गैंगरेप पीड़िता से मुलाकात के बाद पुलिस के आला अधिकारियों से मुलाकात कर केस की जानकारी ली. उन्होंने माना कि इस केस ने पुलिस की लापरवाही उजागर की है.
रेखा शर्मा ने बताया कि वह गृह मंत्रालय से इसकी शिकायत करेंगी. इतना ही नहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग गुड़गांव पुलिस को संवेदनशील बनाने के लिए एक अभियान भी चलाएगी.
क्या था मामला
29 मई को एक ऑटो ड्राइवर ने अपने साथियों के साथ मिलकर महिला के साथ गैंगरेप किया और उसकी 9 माह की बच्ची की निर्ममता से हत्या कर दी. बताया जा रहा है कि पीड़िता अपनी बच्ची की लाश लेकर मेट्रो से दिल्ली के एम्स आई थी. जिसके बाद वह मेट्रो से ही गुड़गांव वापस चली गई.
पीड़िता के बयान के बावजूद खामियां
30 मई को दर्ज की गई एफआईआर में पीड़िता के लिखित बयान के बावजूद ऑटो चालक की भूमिका का जिक्र तक नहीं किया गया. दूसरी सबसे बड़ी पुलिस की लापरवाही ये रही कि 3 जून को पुलिस के मुताबिक पीड़िता फिर आईएमटी थाने पहुंची और खुद के साथ गैंगरेप की बात कबूल की.
दर्ज किया गैंगरेप का मामला
महिला के बयान के बावजूद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप की धाराओं के तहत केस तो दर्ज कर लिया, लेकिन कई संगीन धाराएं (अपहरण, मारपीट, बंधक बनाने संबंधी धाराएं) लगाना मुनासिब नहीं समझा. फिलहाल महिला आयोग की टीम दोषियों पर कार्रवाई के साथ-साथ पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास की बात कह रही है.