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नेपाल में दहशत फैलाने की कोशिश, 28 जगहों पर मिले संदिग्ध पैकेट

पड़ोसी देश नेपाल में मंगलवार सुबह हड़कंप मच गया. देश भर में 28 जगहों पर संदिग्ध पैकेट मिले हैं. काठमांडू के कीर्तिपुर और जवालाखेल में भी दो संदिग्ध पैकेट मिले, लेकिन उसमें कुछ नहीं था. नेपाल पुलिस के प्रवक्ता विश्वराज पोखरेल के मुताबिक, किसी भी पैकेट में बम नहीं था. डर पैदा करने के लिए यह पैकेट रखे गए थे. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • काठमांडू,
  • 25 जून 2019,
  • अपडेटेड 12:12 PM IST

पड़ोसी देश नेपाल में मंगलवार सुबह हड़कंप मच गया. देश भर में 28 जगहों पर संदिग्ध पैकेट मिले हैं. काठमांडू के कीर्तिपुर और जवालाखेल में भी दो संदिग्ध पैकेट मिले, लेकिन उसमें कुछ नहीं था. नेपाल पुलिस के प्रवक्ता विश्वराज पोखरेल के मुताबिक, किसी भी पैकेट में बम नहीं था. डर पैदा करने के लिए यह पैकेट रखे गए थे. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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संदिग्ध पैकेट मिलने की यह घटना ऐसे समय सामने आई है जब कुछ दिन पहले ही नेपाल के उप प्रधानमंत्री ईश्वर पोखरियाल ने कहा था कि श्रीलंका में 21 अप्रैल को ईस्टर के दिन हुए आत्मघाती हमलों ने स्पष्ट और मजबूत संदेश दिया है कि दक्षिण एशिया में नए प्रकार के आतंकवाद का खतरा पनप चुका है. नेपाल के रक्षा मंत्री का भी पद संभाल रहे पोखरियाल ने कहा कि नेपाली सरकार सोचती है कि क्षेत्रीय और राष्ट्रीय संदर्भों में आतंकवाद की इस जटिल घटना को समझना बहुत महत्वपूर्ण है.

उन्होंने कहा, "हम यह भी सोचते हैं कि आतंकवाद से निपटने के लिए हमें दुनियाभर के अपने दोस्तों के अनुभवों से और सबकों से सीखने की जरूरत है." पोखरियाल ने आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए घरेलू, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास करने पर जोर दिया.

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उन्होंने कहा, "इस सदी में, कई सुरक्षा संबंधी खतरे अपारंपरिक हैं. वे ना तो राष्ट्रीय सीमाओं में बंधे हैं और ना ही उनसे आम युद्ध की तरह निपटा जा सकता है. मानवता और वैश्विक सुरक्षा को चुनौती देने वाले इन खतरों में सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद है." मंत्री ने यह भी कहा कि बदले सुरक्षा वातावरण पर प्रकाश डालने के लिए नेपाल सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पेश की है.

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