
यूपी पुलिस ने एंटी रोमियो स्क्वॉयड और बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई पर समीक्षा के बाद नई गाइडलाइन जारी की है. यूपी के डीजीपी जावीद अहमद ने शनिवार को नई गाइडलाइन जारी करते हुए इसमें कई सुधार किए हैं.
यूपी के डीजीपी जावीद अहमद द्वारा 21 और 22 मार्च को अवैध रूप से गोवंशीय जानवरों की तस्करी, अवैध बूचड़खानों पर नकेल कसने और महिला सुरक्षा मामले पर एंटी रोमियो स्क्वॉयड के गठन पर निर्देश जारी किए गए थे. जिसके बाद इनकी समीक्षा की गई और नियमों के सुधार हेतु शनिवार को फिर से दिशा-निर्देश जारी किए गए. नई गाइडलाइन के अनुसारः
1: अवैध रूप से दुधारू पशुओं तथा गोवंशीय जानवरों को वध के लिए तस्करी, पशु वधशालाओं (बूचड़खानों) की रोकथाम, बूचड़खाने संचालित करने व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस अधिकारियों द्वारा कठोर कार्रवाई की जाए. समाज के कतिपय स्वयंभू, कथित दलों द्वारा कार्रवाई करने का अगर कोई मामला सामने आता है तो संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए.
2: किसी भी दशा में किसी निर्दोष व्यक्ति का उत्पीड़न न हो. एंटी रोमियो स्क्वॉयड किसी भी जिले में अभियान चलाए जाने से पूर्व सार्वजनिक स्थलों (स्कूल, कॉलेज, बाजार, मॉल, पार्क, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि) पर आपत्तिजनक हरकत करते पाए जाने वाले व्यक्तियों के संबंध में सादे कपड़ों में महिला पुलिसकर्मियों द्वारा निगरानी करवाने के बाद ही आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
3: नई गाइडलाइन के अनुसार, किसी भी सार्वजनिक स्थान पर बैठे हुए जोड़ों से आईकार्ड मांगना, उनसे पूछताछ करना, तलाशी लेना, उठक-बैठक करवाना, मुर्गा बनवाना और मारपीट जैसी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. एंटी रोमियो स्क्वॉयड के हर दिन अभियान पर निकलने से पहले वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इसकी ब्रीफिंग की जाएगी. साथ ही जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी समय-समय पर इसकी समीक्षा करेंगे.
4: अभियान में संलग्न टीमों द्वारा उपरोक्त कार्यवाही में किसी भी प्राइवेट व्यक्तियों को शामिल नहीं किया जाएगा. इसका मतलब है कि पुलिस के अलावा किसी भी व्यक्ति विशेष को कार्रवाई का कोई अधिकार नहीं होगा. वहीं इस गाइडलाइन में सबसे अहम बात यह है कि आपत्तिजनक गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों को कड़ी हिदायत देते हुए प्राथमिक रूप से उनके खिलाफ सुधारात्मक कार्यवाही की जाए.