
पाकिस्तान का एक जिंदा आतंकी भारतीय एजेंसियों के हत्थे चढ़ा है. इस आतंकी ने पूछताछ में कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं. पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी जैबुल्लाह हमजा ने बताया कि उसने नियंत्रण सीमा रेखा पार की थी. उसके साथ चार लोग और थे, जिनमें से दो लोग मारे गए. उसने बताया कि वे लोग ज्यादा से ज्यादा लोगों को धमाके की चपेट में लेना चाहते थे.
जैबुल्लाह हमजा ने बताया कि उसके 8 भाई और 3 बहने हैं. उसे लश्कर के साथ पहले 21 दिन की ट्रेनिंग दी गई और फिर 3 माह तक और प्रशिक्षण दिया गया. इसके बाद आतंकी सरगना हाफिज सईद और ज़कीउर्रहमान लखवी ने उनसे मुलाकात की और उनका ब्रेन वॉश किया.
हमजा ने बताया कि एक बार भारतीय हेलीकॉप्टर की नजर हम पर पड़ गई. हेलीकॉप्टर से फायरिंग शुरू कर दी गई. उधर से जैबुल्लाह और उसके साथियों ने भी फायरिंग की. इसके बाद पाकिस्तान पोस्ट से भारतीय हेलीकॉप्टर पर गोलीबारी की गई, ताकि वे निकल सकें.
पकड़े गए आतंकी ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा कश्मीर और रोहिंग्या के नाम पर केवल पैसा इकट्ठा करता है. लश्कर को यूएई से फंड मिलता है.
उसने बताया कि उन लोगों को आपसी संपर्क करने के लिए वाई-एसएमएस सिस्टम मिला था, जिसे सुरक्षा एजेंसियां ट्रैक नहीं कर सकती हैं. हमजा के मुताबिक उन्हें लोलाब जाने के लिए कहा गया था, क्योंकि लश्कर के आतंकी वहां मारे गए थे. और कहा गया था कि क्षेत्र में सक्रिय रहें और अगले आदेशों की प्रतीक्षा करें.
जैबुल्लाह ने बताया कि वो बोसान, मुल्तान का रहने वाला है. उसके चचेरे भाई भी जिहाद करना चाहते हैं. दायरई खस और ज़कीउर्रहमान लखवी उनके कैंप में आए थे और उन लोगों को इस काम के लिए प्रेरित किया था.
हमजा के मुताबिक उसे 2018 में बर्फानी प्रशिक्षण भी दिया गया था. साथ ही उन्हें जीपीएस के साथ बर्फ में जीवित रहने के लिए प्रशिक्षण दिया गया था. उसे केएफसी में प्रशिक्षित किया गया. उसे फिदाइन के लिए ट्रेनिंग नहीं दी गई थी.
जैबुल्लाह के अनुसार एफआईएफ अध्यक्ष ने उन्हें बताया कि अल्फा 3 नाम का लश्कर नियंत्रण कक्ष लश्कर-ए-तैयबा के संपर्क और संचार का काम करता है.