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भारत में ड्रग्स पहुंचाने के लिए पाकिस्तानी तस्करों ने खोजे नए तरीके

पाकिस्तानी तस्कर पंजाब में भारत की ओर मादक पदार्थ पहुंचाने के लिए सीमा पार सिंचाई साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके साथ ही प्रतिबंधित नशीले पदार्थों के छोटे छोटे पैकेट फेंकने जैसे तरीके अपना रहे हैं. तस्करी के इस धंधे को रोकने के लिए बीएसएफ और पंजाब पुलिस एक साथ काम कर रहे हैं.

तस्करी के लिए ट्यूबवैल के प्लास्टिक पाइप का इस्तेमाल तस्करी के लिए ट्यूबवैल के प्लास्टिक पाइप का इस्तेमाल
मुकेश कुमार
  • चंडीगढ़,
  • 23 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 11:27 PM IST

पाकिस्तानी तस्कर पंजाब में भारत की ओर मादक पदार्थ पहुंचाने के लिए सीमा पार सिंचाई साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके साथ ही प्रतिबंधित नशीले पदार्थों के छोटे छोटे पैकेट फेंकने जैसे तरीके अपना रहे हैं. तस्करी के इस धंधे को रोकने के लिए बीएसएफ और पंजाब पुलिस एक साथ काम कर रहे हैं.

बीएसएफ के महानिरीक्षक मुकुल गोयल ने बताया कि हेरोइन के एक किलोग्राम या ज्यादा वजन के बड़े पैकेट की तस्करी करना कठिन है. इसलिए तस्कर 250 ग्राम के छोटे छोटे पैकेटों में नशीले पदार्थ पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. वे रात में सीमापार से पैकेट फेंकते हैं. यहां स्थानीय तस्कर पैकेट ले लेते हैं.

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उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने इस साल अब तक भारत-पाक सीमा से 65.561 किलोग्राम हेरोइन जब्त की है. बीएसएफ जवानों ने यह भी पता लगाया कि तस्कर अमृतसर में भारत-पाक सीमा के पास दाओके इलाके में भारत की तरफ ड्रग्स की आपूर्ति करने के लिए ट्यूबवेलों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो के क्षेत्रीय निदेशक कौस्तुभ शर्मा ने कहा कि छोटी मात्रा में प्रतिबंधित मादक पदार्थ पहुंचाने की कोशिश करने का मतलब है कि अगर सुरक्षा एजेंसियां इसे जब्त कर लेती हैं तो तस्करों को कम नुकसान हो. इस महीने पांच किलोग्राम हेरोइन जब्त किया गया, जो पानी के जरिये भेजा गया.

बोतलों में हेरोइन भेजने के लिए ट्यूबवैल के प्लास्टिक पाइप का इस्तेमाल किया गया, जहां खेत बाड़ से दूर था. इस संबंध में पंजाब पुलिस और बीएसएफ के साथ काम कर रहे हैं. पद संभालने के बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राज्य में ड्रग माफिया को समाप्त करने के लिए एक विशेष कार्य बल बनाया है.

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