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पुलिस की चार्जशीट में हनीप्रीत पंचकुला हिंसा की मास्टरमाइंड !

हरियाणा पुलिस ने हनीप्रीत के खिलाफ पंचकुला की विशेष अदालत में 1200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है. उधर, अदालत ने हिंसा मामले के सह अभियुक्त सुरेन्दर धीमान की जमानत याचिका भी खारिज कर दी.

पुलिस ने तीन पन्नों में डेरे के सुरक्षाकर्मियों का जिक्र किया है पुलिस ने तीन पन्नों में डेरे के सुरक्षाकर्मियों का जिक्र किया है
परवेज़ सागर
  • पंचकुला,
  • 28 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 8:50 PM IST

गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत के गुनाहों की फेहरिस्त आखिर चार्जशीट के रूप में मंगलवार को पंचकुला कोर्ट में पेश कर दी गई. पुलिस ने अपनी चार्जशीट में 25 अगस्त को पंचकुला में हुई व्यापक हिंसा के लिए हनीप्रीत को मास्टरमाइंड बताया है. हनीप्रीत के अलावा 15 अन्य गुरमीत राम रहीम के करीबियों व डेरा समर्थकों का नाम चार्जशीट में शामिल किया गया है.

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हनीप्रीत पर आरोप है कि पंचकुला अदालत द्वारा गुरमीत राम रहीम को अपनी दो शिष्याओं के साथ दुष्कर्म का दोषी ठहराए जाने के बाद उसने डेरा समर्थकों के साथ मिलकर पंचकुला में व्यापक पैमाने पर हिंसा फैलाई थी.

सूत्रों के मुताबिक करीब 1200 पन्नों की चार्जशीट में हनीप्रीत के अलावा देशद्रोह के मुकदमा झेल रहे 15 दूसरे आरोपियों के कच्चे चिट्ठों का भी जिक्र है. हनिप्रीत के खिलाफ मंगलवार को दाखिल की गई चार्जशीट में कुल 67 गवाह हैं, जिनमें से ज़्यादातर पुलिस के लोग हैं. उसके और दूसरे आरोपियों के खिलाफ पंचकुला के सेक्टर 5 पुलिस थाने में 27 और 28 अगस्त को IPC की धाराओं 121, 121ए, 216, 145, 150, 151, 152, 153 और 120बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

हनीप्रीत पर पंचकुला हिंसा की साजिश रचने का आरोप है. उसके अलावा आदित्य इंसा, पवन इंसा, सुखदीप कौर, राकेश कुमार अरोड़ा, सुरेंद्र धीमान इंसा, चमकौर सिंह, दान सिंह, गोविंद राम, प्रदीप गोयल इंसा व खैराती लाल पर भी देशद्रोह और हिंसा फैलाने का आरोप है. डेरा का प्रवक्ता और देशद्रोह का आरोपी डॉक्टर आदित्य इंसा अभी भी फरार है.

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पुलिस सूत्रों के मुताबिक हनीप्रीत ने अपने पुलिस रिमांड के दौरान कबूल कर लिया था की पंचकुला हिंसा की प्लानिंग उसके ही कहने पर की गई थी. पुलिस ने उसके खिलाफ पुख्ता सबूत जुटा कर उनको चार्जशीट में जोड़ा है. इस आरोप पत्र के तीन पन्नों में गुरमीत राम रहीम और डेरा सच्चा सौदा के 6 सुरक्षा कर्मियों का जिक्र है.

गौरतलब है कि पंचकुला हिंसा का ब्लूप्रिंट 18 अगस्त को सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय में बुलाई गई एक एहम बैठक में तैयार किया गया था. बैठक हनिप्रीत ने ही बुलाई थी, जो डेरे में नंबर दो की हैसियत रखती थी. इस बैठक में मौजूद रही डेरा की चेरपर्सन विपश्यना इंसा को छोड़कर सभी आरोपियों पर देशद्रोह का आरोप है. 25 अगस्त से पहले हनीप्रीत सहित कई आरोपी पंचकुला के डेरे में पहुंचे थे और उन्होंने कथित तौर पर पूरे पंचकुला की रेकी की थी .

इससे पहले 18 अगस्त को हुई बैठक में दो बातें तय की गई थीं- अगर फैसला गुरमीत सिंह के खिलाफ आया तो हिंसा और अगर पक्ष में तो सत्संग करने का ही प्लान था. हिंसा फैलाने के लिए गुंडों को किराए पर लाया गया था, जिनपर 5 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. 1.25 करोड़ रुपये तो पंचकुला के डेरा इंचार्ज चमकौर सिंह को ही दिए गए थे.

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सह अभियुक्त सुरेंद्र धीमान की जमानत याचिका खारिज

उधर मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए पंचकुला की सीजेएम अदालत ने डेरा के अखबार सच कहूं के पत्रकार और पंचकुला हिंसा मामले में सह-आरोपी सुरेंद्र धीमान की जमानत याचिका भी खारिज कर दी. सुरेंद्र के वकील ने अदालत में इस बात का हवाला दिया कि पुलिस 90 दिनों तक भी धीमान के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई थी. हालांकि अदालत ने सुरेन्दर धीमान के वकील की इस दलील को खारिज कर दिया और उसे जमानत देने से इनकार कर दिया.

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