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पटनाः 3 दिन बाद भी बच्चे का सुराग नहीं, पुतला डालकर नए सिरे से तलाश

दीपक के पिता गुड्डू राम ने कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम पिछले 72 घंटों में केवल 100 मीटर नाले की तलाश कर पाई हैं जिससे इस बात का अंदाजा लगया जा सकता है कि रेस्क्यू ऑपरेशन कितनी सुस्ती से चलाया जा रहा है.

3 दिन से नाले में बच्चे की तलाश की जा रही है (फोटो- रोहित) 3 दिन से नाले में बच्चे की तलाश की जा रही है (फोटो- रोहित)
रोहित कुमार सिंह/पन्ना लाल
  • पटना,
  • 20 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 4:10 PM IST

पटना में लगभग 72 घंटे पहले नाले में गिरे एक 10 साल के बच्चे का अब तक पता नहीं लग पाया है. मासूम दीपक कुमार शनिवार दोपहर पटना के मोहनपुर इलाके में स्थित संप हाउस के नाले में में गिर गया था. दीपक की तलाश के लिए लगातार तीन दिनों से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगी हुई हैं, मगर बच्चे का कुछ अता-पता नहीं है.

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मंगलवार को बचाव दल ने दीपक की तलाश के लिए एक नया प्रयोग किया. उसके कद काठी का एक पुतला बनाकर नाले में गिराया और नए सिरे से उसकी तलाश शुरू की गई. मगर हैरानी की बात है कि कुछ देर बाद वो पुतला भी नाले में गायब हो गया.

दीपक को तलाशने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन पर उसके पिता ने कहा है कि अब तक सरकार और प्रशासन की तरफ से जो भी प्रयास किए गए हैं वह नाकाफी है. दीपक के पिता गुड्डू राम ने कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम पिछले 72 घंटों में केवल 100 मीटर नाले की तलाश कर पाई हैं जिससे इस बात का अंदाजा लगया जा सकता है कि रेस्क्यू ऑपरेशन कितनी सुस्ती से चलाया जा रहा है.

गुड्डू राम ने बताया कि उनका परिवार दीपक के लापता हो जाने की वजह से सदमे में है. उन्होंने कहा कि प्रशासन को और कदम उठाने चाहिए, हो सके तो सेना की मदद लेनी चाहिए ताकि उनके बेटे को तलाशा जा सके.

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बता दें कि 10 साल का मासूम दीपक शनिवार दोपहर 2 बजे अपने पिता को खाना देकर वापस घर जा रहा था, तभी संप हाउस के नाले के पास उसका पैर फिसला और वह उसमें गिर गया. दीपक के नाले में गिरने की खबर जैसे ही प्रशासन को मिली, पटना नगर निगम और एसडीआरएफ टीम ने बचाव कार्य शुरू कर दिया. इसी दौरान एनडीआरएफ की टीम भी मदद के लिए पहुंची मगर 3 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक उस मासूम का कोई सुराग नहीं मिल पाया है.

पटना नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर विशाल आनंद ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि दीपक के पुतले को नाले में गिरा कर नए सिरे से उसके तलाश करने की कोशिश की जा रही है. विशाल आनंद ने माना के नाले के पास किसी प्रकार की बैरिकेडिंग नहीं होना एक बड़ी लापरवाही है.

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