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सड़क पर पेशाब करने से रोका, तो कंडक्टर ने की बुजुर्ग कवि की पिटाई

दिल्ली के गाजीपुर इलाके में ईडीएम मॉल के सामने बस कंडक्टर को सड़क पर पेशाब न करने की सलाह देना एक बुजुर्ग को भारी पड़ गया. बस के कंडक्टर ने ड्राइवर और एक अन्य साथी के साथ मिलकर कवि और फिल्मकार देवी प्रसाद मिश्र की बुरी तरह पिटाई कर दी और मौके फरार हो गए.

कवि और फिल्मकार देवी प्रसाद मिश्र कवि और फिल्मकार देवी प्रसाद मिश्र
मुकेश कुमार/तनसीम हैदर
  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 11:03 AM IST

दिल्ली के गाजीपुर इलाके में ईडीएम मॉल के सामने बस कंडक्टर को सड़क पर पेशाब न करने की सलाह देना एक बुजुर्ग को भारी पड़ गया. बस के कंडक्टर ने ड्राइवर और एक अन्य साथी के साथ मिलकर कवि और फिल्मकार देवी प्रसाद मिश्र की बुरी तरह पिटाई कर दी और मौके फरार हो गए. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने पीड़ित का लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में मेडिकल कराया और उनकी शिकायत पर गाजीपुर थाने में केस दर्ज करके मामले की छानबीन शुरू कर दी है.

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जानकारी के मुताबिक, कवि और फिल्मकार देवी प्रसाद मिश्र (60) अपने परिवार के साथ पटपड़गंज इलाके में रहते हैं. उन्होंने पुलिस को दी गई शिकायत में आरोप लगया है कि बुधवार की शाम को वे ईडीएम की तरफ से पटपड़गंज की ओर घर को जा रहे थे. टाटा मोटर्स के पास डीटीसी की एक बस, जिसका नंबर डीएल1 पीसी1083 है, आनंद विहार की ओर से खाली जा रही थी. बस ड्राइवर ने गाड़ी रोकी और कंडक्टर फुटपाथ पर पेशाब करने लगा.

इस पर उन्होंने स्वच्छता अभियान का हवाला देते हुए ऐसा करने से मना किया. इसके बाद कंडक्टर ने अभद्र भाषा करते हुए गालियां दी और बस पर चढ़ गया. उसने बस में आने की बात कही और उन्हें देख लेने की धमकी दी. वे फुटपाथ पर चलने लगे. इसी दौरान रेड लाइट पर बस रुकी, तो उन्होंने बस के नंबर का वीडियो बनाना शुरू किया. वीडियो बनाते देख कंडक्टर नीचे उतरा और मारपीट शुरू कर दी. इस दौरान बस ड्राइवर और उसका एक अन्य साथी भी वहां पहुंच गया.

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उसने भी उनके साथ मारपीट शुरू कर दी. बुरी तरह से पीटने के बाद आरोपी बुजुर्ग को वहीं छोड़कर फरार हो गए. पीड़त ने अपने मोबाइल से पुलिस को 100 नंबर डायल कर मामले की जानकारी दी. पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है. देवी प्रसाद मिश्र कवि के साथ फिल्मकार भी हैं. उनकी एक लघु फिल्म सतत केंस फिल्म फेस्टिवल में भी दिखाई जा चुकी है. यह फिल्म दो आदिवासी बच्चों पर आधारित है. उनकी कई कहानियों का संग्रह भी प्रकाशित हो चुका है.

 

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