
घटना अजीब जरूर है लेकिन सच है. बिहार में जहां पिछले 1 साल से पूरी तरह से शराबबंदी लागू है, वहां अब आम आदमी नहीं बल्कि चूहे शराबी हो गए हैं. पटना में पुलिसवालों ने एसएसपी मनु महाराज को कुछ ऐसी कहानी सुनाई जिसे सुनने के बाद वह न केवल दंग रह गए बल्कि नाराज भी हो गए. यह कहानी थी बिहार के शराबी चूहों की. जी हां, आपने सही पढ़ा, कुछ ऐसी ही कहानी पुलिसवालों ने एसएसपी को सुनाई है.
क्या था मामला
एसएसपी मनु महाराज ने पटना नगर निगम चुनावों को देखते हुए सभी थानेदारों की बैठक बुलाई थी और कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा की. जब बैठक चल रही थी तो मनु महाराज ने थानेदारों से पूछा कि शराबबंदी लागू होने के बाद जितनी भी शराब जब्त हुई है और जिसे थाने के मालखाने में रखा गया है, आखिर उसमें कमी क्यों आ रही है. मनु महाराज के इतना पूछते ही थानेदारों ने सारा ठीकरा चूहों पर दे मारा. दरअसल कुछ थानेदारों ने मनु महाराज को बताया कि करोड़ों की शराब मालखाने से इसलिए गायब हो गई है, क्योंकि उस शराब को चूहों ने पी लिया है.
एसएसपी मनु महाराज ने दिया आदेश
यह बात सुनते ही एसएसपी मनु महाराज को गुस्सा आ गया. उन्होंने सभी थानेदारों को आदेश दिया कि वह जल्द से जल्द अपने मालखाने में रखी शराब को चूहों से बचाने का इंतजाम करें. एसएसपी को ऐसी आशंका थी कि मालखाने में रखी शराब की बोतलें इसलिए गायब हो रही हैं क्योंकि कुछ पुलिसवाले उसे चोरी-छिपे बाजार में बेच रहे हैं या फिर खुद उसका सेवन कर रहे हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए एसएसपी ने यह आदेश दिया कि अब सभी थानेदारों का ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट किया जाएगा.
एसएसपी के आदेश के बाद शुरू किया छिड़काव
एसएसपी के आदेश के बाद कंकड़बाग थाना प्रभारी रवि भूषण ने बताया कि उन्होंने अपने थाने के मालखाने में शराब की बोतलों को चूहों से बचाने के लिए चूहे मारने की दवा का छिड़काव शुरू कर दिया है.
बिहार में है पूर्ण शराबबंदी
बता दें कि 5 अप्रैल, 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है. इस एक साल में बिहार के विभिन्न हिस्सों से पुलिस और उत्पाद विभाग ने तकरीबन 5 लाख लीटर विदेशी शराब जब्त की है. वहीं 3 लाख लीटर से ज्यादा देसी शराब भी पुलिस ने जब्त की है. बरामद शराब को विभिन्न थानों के मालखाने में रखा गया है ताकि कोर्ट के आदेश के बाद उसे नष्ट किया जा सके.