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ठगों के गैंग ने अपने ही साथी को कार से कुचलकर मार डाला, भेद खुलने का था डर

इन 8 लोगों का गैंग एमबीबीएस में एडमिशन और डिग्री देने के नाम पर सैकड़ों लोगों को ठगी का शिकार बना चुका है. इन लोगों ने साथ मिलकर दिल्ली और नोएडा में क्रैक यॉर करियर कंपनी के नाम से एक फर्जी कॉल सेंटर खोल रखा था.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
तनसीम हैदर
  • नोएडा,
  • 26 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 6:17 PM IST

  • एमबीबीएस में एडमिशन दिलाने के नाम पर लगाया सैकड़ों लोगों को चूना
  • गैंग के 3 लोग गिरफ्तार, बाकी साथियों की पुलिस को तलाश

नोएडा के वाजिदपुर में हुए ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा करते हुए थाना एक्सप्रेस वे की पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इन तीनों ने अपने अन्य चार साथियों के साथ मिलकर अपने ही एक साथी की कार से कुचलकर इसलिए हत्या कर दी थी क्योंकि बदमाशों को डर था कि कहीं उनका साथी उनके ठगी के भेद उजागर ना कर दे.

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MBBS में एडमिशन दिलाने के नाम पर ठगी

जानकारी के मुताबिक इन 8 लोगों का गैंग एमबीबीएस में एडमिशन और डिग्री देने के नाम पर सैकड़ों लोगों को ठगी का शिकार बना चुका है. पुलिस ने इनके पास से एक लाख नगद, 24 मोहरें, एक विजिटर-एंट्री रजिस्टर, 6 फाइलें भी बरामद की हैं. इनमें उन विद्यार्थियों का डाटा है जो एमबीबीएस परीक्षा दे चुके हैं. पुलिस ने ठगों के गेंग के पास से एक कार और 8 मोबाइल भी बरामद किए हैं.

पुलिस के मुताबिक इन ठगों के नाम नीरज कुमार सिंह उर्फ हरिंदर सिंह, निखिल गौरव उर्फ समीर राय और धीरेंद्र कुमार शर्मा उर्फ सोहन सिंह, अपने चार साथियों एस एस मसरूल उल हक विकास सिंह,  राजेश कुर्मी और अभिषेक आनंद हैं. इन लोगों ने साथ मिलकर दिल्ली और नोएडा में क्रैक यॉर करियर कंपनी के नाम से एक फर्जी कॉल सेंटर खोल रखा था. 

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इस फर्जी कॉल सेंटर में एमबीबीएस की परीक्षा में बैठने वाले विभिन्न छात्र-छात्राओं को कॉल करके बुलाते थे जिसके बाद ये लोग एमबीबीएस कराने और भारत के अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी करते थे.

क्यों की अपने साथ की हत्या?

एसएसपी ने बताया कि इस गिरोह ने काफी बड़े पैमाने पर लोगों को अपने जाल में फंसा कर ठगी का शिकार बनाया है. यह गैंग लगातार अपने ठिकाने बदलता रहता है. इस गिरोह ने नोएडा में 65 लाख की ठगी की थी जिसका बंटवारा करने के लिए यह लोग जमा हुए थे. इसमें कंपनी का मैनेजर ऋषिपाल उर्फ संजीव रावत भी शामिल था.

इन लोगों को शक था कि संजीव रावत उनके भेद को खोल सकता है. इसके चलते इन सात लोगों ने उसकी हत्या की साजिश रची और वाजिदपुर गांव के पास ले जाकर कार से कुचलकर उसकी हत्या कर दी. इनमें से तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, चार अभी फरार हैं.

एक्सप्रेस वे थाने की पुलिस ने नीरज कुमार सिंह उर्फ हरिंदर सिंह, निखिल गौरव उर्फ समीर राय और धीरेंद्र कुमार शर्मा उर्फ सोहन सिंह को यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो पॉइंट से गिरफ्तार किया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. पुलिस आरोपियों की खोजबीन में जुटी है.

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