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बिहार: हो रही थी नाबालिगों की शादी, दोनों पक्ष के पुरोहित सहित 17 पहुंचे जेल

जमुई में खैरा थाना क्षेत्र के तेतरिया टांड़ गांव में एक नहीं दो-दो नाबालिग जोड़ों की शादी की तैयारी चल रही थी. पुलिस ने न सिर्फ बाल विवाह के अपराध पर रोक लगा दी, बल्कि चार मासूमों का भविष्य भी बचाने का काम किया.

पुलिस ने रुकवाई 4 नाबालिगों की शादी पुलिस ने रुकवाई 4 नाबालिगों की शादी
सुजीत झा/आशुतोष कुमार मौर्य
  • जमुई,
  • 05 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 11:30 PM IST

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बाल विवाह के खिलाफ शुरू की गई मुहिम रंग लाती दिख रही है. जमुई जिला के खैरा थाना इलाके में रविवार को कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जब पुलिस ने न सिर्फ नाबालिगों की शादी रुकवा दी, बल्कि दोनों पक्षों के पुरोहितों सहित कुल 17 लोगों को सलाखों के पीछे डाल दिया.

मामला खैरा थाना क्षेत्र के तेतरिया टांड़ गांव का है, जहां एक नहीं दो-दो नाबालिग जोड़ों की शादी की तैयारी चल रही थी. पुलिस ने न सिर्फ बाल विवाह के अपराध पर रोक लगा दी, बल्कि चार मासूमों का भविष्य भी बचाने का काम किया.

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खैरा थानाध्यक्ष दलजीत झा ने बताया कि परिजनों से पूछताछ की गई तो पता चला कि उन्हें इस बात का इल्म ही नहीं है कि बाल विवाह एक जुर्म है. उन्हें तो यह तक पता नहीं था कि इसमें सजा का भी प्रावधान है.

दलजीत झा ने कहा कि अगर शादी हो जाती तो मामला दर्ज किया जाता. लेकिन अभी शादी नहीं हुई थी, इसलिए सभी लोगों को पूछताछ कर व बांड पेपर पर हस्ताक्षर करवा कर छोड़ दिया गया.

पुलिस के मुताबिक, रविवार को तेतरियां टांड़ गांव के रहने वाले हरि यादव के 17 वर्षीय पुत्र बिट्टू कुमार की शादी खैरा थाना के ही चाननवर गांव के रहने वाले जुमाही यादव की 14 वर्षीय पुत्री इंदु कुमारी के साथ होने वाली थी. इसी दिन बिट्टू कुमार के 12 वर्षीय चचेरे भाई आनंद कुमार की भी शादी नवादा जिले के कौआकोल में एक 6 वर्षीय लड़की के साथ होने वाली थी.

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शादी की तैयारियां जोर-शोर से चल रही थीं, तभी वहां दल-बल के साथ पुलिस टीम पहुंच गई. लोग हक्का-बक्का थे कि पुलिस आखिर वहां क्या करने आई है. इसी बीच पुलिस ने पूछताछ के बाद शादी कराने पहुंचे पुरोहित के साथ कई लोगों को बाल विवाह में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.

इसके बाद पुलिस टीम नाबालिग दुल्हन के यहां भी पहुंची. वहां भी पुलिस ने ढोल-बाजे वाले के साथ पुरोहित और कुछ परिजनों को हिरासत में ले लिया. दोनों पक्षों के पुरोहितों को लेकर कुल 17 लोगों को नाबालिगों की शादी कराने के आरोप में पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया.

पुलिस ने बताया कि उन्हें शादी से कुछ ही घंटे पहले इस बात की भनक लगी कि वहां नाबालिगों की शादी की तैयारी चल रही है. तुरंत थानाध्यक्ष ने अपने दल-बल के साथ दूल्हा और दुल्हन के घर पहुंचकर कार्रवाई करते हुए शादी रुकवा दी.

जब परिजनों से दूल्हा और दुल्हन के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने उनके कम उम्र का होने की बात को स्वीकार कर ली. लेकिन उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि उन्हें इस बात की जरा भी जानकारी नहीं है कि बाल विवाह अपराध है और उनके यहां पूर्वजों के समय से ही ऐसी शादियां होती आ रही हैं.

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