Advertisement

राष्ट्रपति के फर्जी लेटरहेड पर हो रहा था यूनिवर्सिटी का प्रचार, केस दर्ज

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सोशल मीडिया के जरिए एक मामले का खुलासा किया. पुलिस को जानकारी मिली थी कि एक शख्स राष्ट्रपति के फर्जी लेटरहेड के जरिए एक विश्वविद्यालय का प्रचार कर रहा है, जिसके बाद उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 मई 2022,
  • अपडेटेड 1:03 PM IST
  • दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया के जरिए लिया संज्ञान
  • विक्रमशिला नाम से विश्वविद्यालय चलाता है आरोपी
  • आरोपी के खिलाफ जालसाजी-धोखाधड़ी का मामला दर्ज

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राष्ट्रपति का फर्जी लेटरहेड जारी करने के मामले में केस दर्ज किया है. आरोपी राष्ट्रपति के फर्जी लेटरहेड का इस्तेमाल करके सोशल मीडिया पर अपनी यूनिवर्सिटी का प्रचार कर रहा था. सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के जरिए ही दिल्ली पुलिस ने इस मामले पर संज्ञान लिया है.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक सोशल मीडिया के जरिए उन्हें जानकारी मिली कि अमरदीप सिंह नामक व्यक्ति राष्ट्रपति के लेटरहेड के जरिए अपने विश्वविद्यालय का प्रचार कर रहा है. इस लेटरहेड में आरोपी ने राष्ट्रपति के फर्जी हस्ताक्षर भी कर रखे हैं. पड़ताल में पता चला कि आरोपी विक्रमशिला नाम से एक विश्वविद्यालय का संचालन करता है.

Advertisement

सोशल मीडिया पर जारी किए गए राष्ट्रपति के फर्जी लेटरहेड के जरिए विक्रमशिला यूनिवर्सिटी के बारे में जानकारी दी गई थी. लेटरहेड में लिखा गया था कि जल्द ही विक्रमशिला विश्वविद्यालय का उद्घाटन होने जा रहा है. लेटरहेड में 2 मोबाइल नंबर भी दिए गए थे और विक्रमशिला यूनिवर्सिटी की वेबसाइट का भी उल्लेख किया गया था. इस मामले में पुलिस ने 2 मई को एफआईआर दर्ज की थी.

आरोपी के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है. पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है. पुलिस के मुताबिक वेबसाइट पर विश्वविद्यालय के विज्ञापन का प्रचार करने वाले व्यक्ति को नोटिस जारी किया गया है. 

लखनऊ: फर्जी दस्तावेज के जरिए बेची वक्फ बोर्ड की जमीन

बता दें कि फर्जीवाड़े का इससे मिलता-जुलता केस उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भी सामने आया था. CBI ने लखनऊ से अशोक पाठक नामक आरोपी को गिरफ्तार किया था. उस पर सरोजिनी नगर में पुलिस विश्वविद्यालय की जमीन फर्जी दस्तावेजों के जरिए नोएडा के बिल्डर के नाम करने और वक्फ बोर्ड की जमीन हड़पने का आरोप था. आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement