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प्रिंस मर्डर केस: कोर्ट ने खारिज की याचिका, बालिग ही माना जाएगा आरोपी

दिल्ली सटे गुरुग्राम के एक निजी स्कूल के बाथरूम में एक छात्र की चाकू से गला काटकर हत्या किए जाने के मामले में दाखिल तीन याचिकाओं पर सेशन कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने तीनों ही याचिकाओं को खारिज कर दिया है.

कोर्ट ने तीनों याचिकाओं को खारिज किया कोर्ट ने तीनों याचिकाओं को खारिज किया
मुकेश कुमार/चिराग गोठी
  • गुरुग्राम,
  • 21 मई 2018,
  • अपडेटेड 5:34 PM IST

दिल्ली सटे गुरुग्राम के एक निजी स्कूल के बाथरूम में एक छात्र की चाकू से गला काटकर हत्या किए जाने के मामले में दाखिल तीन याचिकाओं पर सेशन कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने तीनों ही याचिकाओं को खारिज कर दिया है. इन याचिकाओं पर तीन महीने तक चली सुनवाई के बाद 14 मई को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित किया था.

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जानकारी के मुताबिक, प्रिंस मर्डर केस में दाखिल तीन याचिकाओं पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए खारिज कर दिया. पहली याचिका आरोपी को बालिग मानकर फैसला सुनाया जाए या नाबालिग से संबंधित है, दूसरी याचिका आरोपी के फिंगर प्रिंट से संबंधित और तीसरी याचिका में आरोपी पक्ष का आरोप है कि सीबीआई ने तय समय से ज्यादा बच्चे से पूछताछ की थी.

इसस पहले सीबीआई ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश करने के लिए सेशन कोर्ट से डेढ़ महीने का समय मांगा था. सीबीआई 14 जुलाई को चार्जशीट पेश कर सकती है. निजी विद्यालय के स्कूल मैनेजमेंट के फ्रांसिस थॉमस और जेएस थॉमस सहित आरोपी छात्र भी कोर्ट में पेश हुए थे. तीनों को 14 जुलाई को दोबारा पेश होने के लिए आदेश दिया गया था.

CBI ने पेश की थी 5000 पेज की चार्जशीट

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CBI गुरुग्राम के सेशन कोर्ट में आरोपी छात्र के खिलाफ करीब 5000 पेज की चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. चार्जशीट में 50 के करीब गवाहों के बयान दर्ज हैं, जिनमें से 23 गवाह उसी स्कूल के हैं. पिछले साल दिसंबर में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी बनाए गए छात्र के खिलाफ बतौर वयस्क मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी थी.

पुलिस, स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की मांग

प्रिंस का परिवार जांच में लापरवाही बरतने के लिए गुरुग्राम पुलिस और स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर चुका है. प्रिंस के पिता ने कहा था कि वह गुरुग्राम पुलिस के उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं, जिन्होंने शुरुआती जांच में बस कंडक्टर को मुख्य आरोपी बनाया और हत्यारा साबित करने की कोशिश की थी.

चार्जशीट ने की गुरुग्राम पुलिस की फजीहत

सीबीआई की चार्जशीट से गुरुग्राम पुलिस की जमकर फजीहत हुई थी. कोर्ट में सीबीआई की चार्जशीट दाखिल होने के बाद गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर संदीप खिरवार अपनी खामियों को छुपाते नजर आए थे. पुलिस कमिश्नर ने माना कि छात्र की हत्या के मामले में पुलिस से कहीं न कहीं चूक हुई है और ऐसे में सीबीआई की रिकमेंडेशन के बाद कार्रवाई होगी.

चौतरफा दबाव के बाद सीबीआई को सौंपा केस

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बताते चलें कि 2012 के निर्भया कांड के बाद कानून में संशोधन किया गया, जिसके अनुसार 16 से 18 वर्ष के नाबालिग आरोपियों के खिलाफ जघन्य मामलों में बतौर वयस्क मुकदमा चलाया जा सकता है. पीड़ित परिवार और चारों तरफ से पड़ रहे जबरदस्त दबाव के बाद सीबीआई को इस मामले की जांच सौंपी गई थी. आरोपी को बालिग मानकर केस चल रहा है.

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