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राशिद गाजी के खात्मे के बाद अबू बकर बना जैश कमांडर, उससे भी ज्यादा खूंखार

Jaish New Commander Abu Bakar पाकिस्तानी सेना भारत में बड़े स्तर पर घुसपैठ कराने की फ़िराक में है. यही वजह है कि पाकिस्तान आर्मी पिछले 2 दिनों में कई बार सीज़फायर का उल्लंघन कर चुकी है.

परवेज़ सागर/जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 21 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 2:20 PM IST

पाक परस्त आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड कामरान और राशिद गाज़ी के मारे जाने के बाद IED एक्सपर्ट अबू बकर को अपना नया कमांडर बनाया है. जानकारी के मुताबिक अबू बकर को अफ़ग़ान लड़ाकों के साथ ट्रेनिंग दी गई है.

सूत्रों के मुताबिक पिछले साल जुलाई के महीने में अबू बकर ने पाक अधिकृत कश्मीर के जरिए घुसपैठ की थी. ख़ुफ़िया सूत्रों ने जानकारी दी है कि पाक अधिकृत कश्मीर के बोई (BOI), मदारपुर (Madarpur), फगोश (Fagosh) और देवलियां (Deolian) के ट्रेनिंग कैम्पस् में जैश-ए-मोहम्मद के 2 दर्जन फ़िदायीन आतंकियों को ख़ास ट्रेनिंग दी जा रही है.

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जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी सेना भारत में बड़े स्तर पर घुसपैठ कराने की फ़िराक में है. यही वजह है कि पाकिस्तान आर्मी पिछले 2 दिनों में कई बार सीज़फायर का उल्लंघन कर चुकी है. इससे पता चलता है कि जैश का सरगना आतंकी मौलाना मसूद अजहर पुलवामा हमले के बाद भी शांत नहीं बैठा है.

वो ऐसे फिदायीन तैयार कर रहा है, जो भारत में घुसकर फिर से आतंकी हमले को अंजाम दे सकें. खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने आजतक को जानकारी दी है, कि जम्मू कश्मीर में अब भी अलग-अलग संगठनों के 298 आतंकवादी मौजूद हैं.

सूत्रों की जानकारी के अनुसार कश्मीर घाटी में इस समय सबसे ज्यादा लश्कर के 80 पाकिस्तानी आतंकी और 55 स्थानीय आतंकी मौजूद हैं. इसके अलावा जैश-ए-मोहम्मद के 22 पाकिस्तानी आतंकी और 19 स्थानीय आतंकी कश्मीर में आज भी सक्रिय हैं.

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सूत्रों ने यह दावा किया है कि इस समय पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई हिज्बुल मुजाहिदीन के विदेशी और स्थानीय आतंकवादियों पर ऑपरेशन के लिए भरोसा नहीं कर रही है. हालांकि हिज्बुल के स्थानीय आतंकियों की संख्या कश्मीर में 102 है जो सबसे ज्यादा है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियां लगातार इस बात पर माथापच्ची कर रही हैं कि इन आतंकवादियों का खात्मा कैसे किया जाए.

आजतक को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक पुलवामा हमले के नौ दिन पहले मसूद अजहर ने पूरी सरकारी सुरक्षा में पेशावर जाकर अपनी साजिशों को पूरा करने के संकेत दिए थे. फिर भी पाकिस्तान अब इस घटना में उनके शामिल होने के सबूत मांग रहा है.

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