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पंजाब: बिना चुनाव कॉलेज का अध्यक्ष बना, विरोध करने पर युवक को मारी गोली

विरोधी करणी ग्रुप ने इसका विरोध करके जग्गी और उसके साथियों के पोस्टर फाड़ने शुरू हुए किए तो विवाद बढ़ गया. पोस्टर फाड़ने में 27 साल का दिलराज सिंह भी शामिल था जिसकी गोली लगने से मौत हो गई.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
मनजीत सहगल
  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 8:12 AM IST

पंजाब के तलवंडी साबो में कॉलेज की दीवारों पर लगे पोस्टर फाड़ने के बाद पैदा हुए विवाद में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मामला दमदमा साहिब के गुरु काशी कॉलेज का है जहां बुधवार को दो छात्र गुटों में खूनी झड़प हुई.

आरोप है कि गुरु काशी कॉलेज में जग्गी नामक छात्र ने खुद को छात्र संघ का अध्यक्ष घोषित करके कॉलेज की दीवारों पर पोस्टर चिपकाए थे जबकि छात्र संघ के कोई चुनाव नहीं हुए थे. कॉलेज में ऐसा काफी अरसे से हो रहा था. छात्रों का एक दबंग ग्रुप खुद ही अपना पैनल घोषित करके दूसरे छात्रों पर रौब जमाता था.

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अबकी बार जब विरोधी करणी ग्रुप ने इसका विरोध करके जग्गी और उसके साथियों के पोस्टर फाड़ने शुरू हुए किए तो विवाद बढ़ गया. पोस्टर फाड़ने में 27 साल का दिलराज सिंह भी शामिल था जिसकी गोली लगने से मौत हो गई.

मृतक कॉलेज का छात्र नहीं था और भागीवंदर गांव का रहने वाला था. वह अपने दोस्तों की मदद करने कॉलेज पहुंचा था. पुलिस ने नौ आरोपी छात्रों जग्गी, गोरा सिंह, प्रदीप सिंह, सुखा तख्तमल, दीपी तलवंडी साबों, काला मान, करणी भागीवान्दर, राजेंद्र गहलेवाल और हरप्रीत ग्याना के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है. मामला दर्ज होने के बाद आरोपी छात्र कॉलेज से फरार हैं.

इससे पहले भी छोटी-छोटी बातों पर कई बार पंजाब में इस प्रकार की घटनाएं हुई हैं. इससे मिलती-जुलती घटना पंजाब के खरड़ में भी हुई थी. पंजाब के खरड़ में एक महिला अधिकारी की इस साल मार्च में उनके ऑफिस में एक अज्ञात हमलावार ने गोली मारकर हत्या कर दी. महिला अधिकारी का नाम डॉक्टर नेहा शौरी था, वो जोनल लाइसेंसिंग अथॉरिटी ऑफ फूड एंड एडमिनिस्ट्रेशन में ड्रग इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थीं. हमलावार ने डॉक्टर नेहा पर ड्रग एंड केमिकल टेस्टिंग लेबोरेटरी में एक के बाद एक कई फायर किए जिससे उनकी मौत हो गई. इसके बाद वो भागने लगा, लोगों ने उसे पकड़ा तो उसने खुद को भी गोली मार ली और उसकी मौत हो गई.

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शुरुआती जांच में पता चला था कि आरोपी मोरिंडा में दवा की दुकान चलाता था और 2009 में महिला ड्रग इंस्पेक्टर नेहा ने उसकी दुकान पर छापा मारा था और वहां से कथित रूप से नशीली दवाएं बरामद की थीं. इसके बाद नेहा ने उसके दवा दुकान का लाइसेंस रद्द कर दिया था.

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