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राजस्थानः बाड़मेर में आरटीआई एक्टिविस्ट की थाने में मौत, पूरा थाना लाइन हाजिर

परिवार की ओर से एसएचओ सहित कई पुलिस कर्मचारियों के साथ ही अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया गया है. 

सांकेतिक फोटो सांकेतिक फोटो
शरत कुमार
  • बाड़मेर ,
  • 07 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 12:39 AM IST

  • बाड़मेर जिले के पचपदरा थाने में हुई थी मौत
  • मजिस्ट्रेट की निगरानी में आज होगा पोस्टमार्टम

राजस्थान में गहलोत सरकार की राज्य में कानून व्यवस्था दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है. रविवार को राजस्थान के बाड़मेर जिले के पचपदरा थाने में आरटीआई एक्टिविस्ट जगदीश गोलिया की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई, जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने कार्रवाई करते हुए एसएचओ को सस्पेंड कर दिया. वहीं, पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया, लेकिन सबसे बड़ा सवाल आखिर आरटीआई एक्टिविस्ट की मौत पुलिस थाने में कैसे हुई?

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बाड़मेर जिले के पचपदरा थाने में आरटीआई एक्टिविस्ट की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के बाद नाहटा हॉस्पिटल ले जाया गया. जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया. घटना की जानकारी मिलते ही बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे और तुरंत प्रभाव से पूरे थाना स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया. वहीं, परिवार की ओर से एसएचओ सहित कई पुलिस कर्मचारियों के साथ ही अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया गया है .  

बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने बताया कि परिवार की ओर से यह आरोप लगाया जा रहा है कि पुलिस की लापरवाही के चलते जगदीश की मौत हुई है, जिसके चलते हमने पचपदरा एसएचओ सहित पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया है. वहीं पूरे मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोतरा को सौंप दिए. सुबह मजिस्ट्रेट की निगरानी में शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा.

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पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने बताया कि शनिवार को जमीन विवाद के मामले में 3 लोगों को धारा 151 के तहत हिरासत में लिया गया था, जिनमें से 2 लोगों की सुबह जमानत हो गई थी. वहीं मृतक जगदीश की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें नाहटा अस्पताल लाया गया जहां उन्हें मृत घोषित किया गया.

गौरतलब है कि महावीर नगर निवासी जगदीश गोलियां पिछले कई सालों से आरटीआई कार्यकर्ता के तौर पर सक्रिय थे और वह पुलिस और प्रशासन की सूचनाएं मांगते रहते थे.

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