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राजस्थान: रेप पीड़िता ने थाने में किया था आत्मदाह, मंत्री ने महिला पर ही उठाए सवाल

राजस्थान में बलात्कार पीड़िता के थाने में आत्मदाह करने के मामले में गहलोत सरकार के अंदर विरोध सामने आया है. गृहमंत्री का चार्ज संभाल रहे अशोक गहलोत की तरफ से जवाब देते हुए मंत्री शांति धारीवाल ने संवेदनहीनता का परिचय देते हुए मृतक रेप पीड़ित महिला के चरित्र पर बहुत सारे सवाल उठा दिए.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 30 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 10:02 PM IST

राजस्थान में रेप पीड़िता की खुदखुशी मामले पर एक तरफ तो सरकार कह रही है कि थाने में उसके साथ बदसलूकी हुई है इसलिए थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया है. तो दूसरी तरफ बिना जांच पूरी हुए मंत्री से लेकर पुलिस, महिला के चरित्र को लेकर मीडिया में तरह-तरह के बयान दे रहे हैं. इतना गंभीर प्रकरण होने के बाद भी इस मामले में कैबिनेट मिनिस्टर शांति धारीवाल ने संवेदनहीन बयान दिया है. 

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धारीवाल ने विधानसभा में मीडिया से बात करते हुए यह तो माना कि इस मामले में पीड़िता के साथ पुलिस थाने में सही व्यवहार नहीं हुआ. लेकिन साथ ही उन्होंने मामले पर सवाल उठाया कि पीड़िता के आरोपी से संबंध आपसी सहमति से थे या नहीं.

उन्होंने कहा, 'पुलिस की जांच में सामने आया है कि 4 साल से दोनों के बीच रिश्ता था. पीड़िता और आरोपी जयपुर, उदयपुर, नैनीताल सहित कई जगहों पर घूमने गए थे. अगर दुष्कर्म जैसी कोई बात होती तो पीड़िता पहले शिकायत दर्ज करवाती. पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में भी कोई इंजरी सामने नहीं आई है.' 

मामले में पुलिस कमिश्नर की ओर से दिए गए बयान पर शांति धारीवाल ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. धारीवाल ने कहा सीआई को सस्पेंड किया जाएगा और मामले की जांच सीआईडी सीबी में एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी को सौंपी जाएगी.

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वहीं राजस्थान सरकार के दूसरे मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस मामले में मृतक पीड़ित महिला के खिलाफ दिए गए बयान पर कड़ा एतराज जताया है. प्रताप सिंह ने कहा कि, प्रकरण में जांच पूरी हुए बिना क्लीनचिट देने वाली पुलिस कौन होती है. पुलिस को इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए थे. 

प्रताप सिंह ने कहा कि थाने में पीड़िता के साथ सही व्यवहार नहीं हुआ इसी वजह से उसे आत्मदाह जैसा कदम उठाना पड़ा. इस बीच मृतक महिला के पति ने पुलिस द्वारा पत्नी को बदनाम करने पर जान देने की धमकी दी.

वहीं इस प्रकरण को लेकर भाजपा ने मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधा है. भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने कहा कि, मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग का भी जिम्मा है. लेकिन राजस्थान में कानून व्यवस्था चौपट हो चुकी है. जयपुर में इस तरह का अपने आप में पहला मामला आया है जिसमें महिला को पुलिस थाने में आत्मदाह करने के लिए मजबूर होना पड़ा. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिल्ली जाने से ही फुर्सत नहीं है.

क्या है मामला

जयपुर के वैशाली नगर थाने में पीड़िता ने एक महीने पहले शिकायत दी थी. इसमें उसने रविंदर सिंह नाम शख्स पर चार साल तक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था. शिकायत में उसने कहा था कि आरोपी ने उसकी फिल्म भी बना ली थी और उसे वायरल करने की धमकी देता था. पीड़िता पुलिस से लगातार आग्रह करती रही, फिर भी कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद उसे जीवन खत्म करने का कठिन फैसला करना पड़ा.

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