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राजसमंद मर्डर: 6 साल पुरानी घटना से जुड़े हैं वारदात के तार

पूरे वारदात की वीडियो बनाने वाले उसके नाबालिग भांजे को चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के समक्ष पेश किया गया. कमिटी ने 15 वर्षीय लड़के को किशोर अपराधी मानते हुए उसे बाल सुधार गृह भेजने का आदेश दे दिया.

वीडियो बनाने वाला नाबालिग बाल सुधार गृह भेजा गया वीडियो बनाने वाला नाबालिग बाल सुधार गृह भेजा गया
आशुतोष कुमार मौर्य
  • जयपुर,
  • 10 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 3:46 PM IST

राजस्थान के राजसमंद में लव जिहाद के नाम पर एक मुस्लिम व्यक्ति की हत्या कर जिंदा जलाने वाले आरोपी शंभूलाल रैगर को 3 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. पुलिस ने आरोपी को राजसमंद की एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया.

आरोपी रैगर को कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया. सरकारी वकील ने रैगर के लिए अदालत से पांच दिन की पुलिस रिमांड की मांग की थी. रैगर ने अदालत में दावा किया कि उसे पीड़ित के परिवार से धमकी मिली थी, जिसके बाद उसने पीड़ित अफराजुल उर्फ भुट्टा की हत्या कर दी.

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पुलिस ने हालांकि आरोपी के दावों को खारिज किया है. पुलिस का कहना है कि रैगर छह साल पुरानी घटना को इस वारदात से जोड़ने की कोशिश कर रहा है. ज्ञात हो कि इस सप्ताह की शुरुआत में रैगर ने तेज धारदार हथियार से अफराजुल की हत्या कर दी और उसके बाद पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी. रैगर ने पूरी घटना की अपने भांजे से वीडियो भी बनवाया और हत्या करने के बाद लव जिहाद न करने की चेतावनी भी दी.

रैगर का कहना है कि पीड़ित उसके मोहल्ले की एक लड़की को बंगाल भगा ले गया था. इसके बाद वह लड़की को वापस लाने बंगाल गया था. उसके बाद से ही वह पीड़ित की आंख में चुभ गया था. रैगर ने पीड़ित पर अपने परिवार को जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप लगाया था. लेकिन पुलिस का कहना है कि यह पूरा वाकया 6 साल पुराना है.

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आरोपी शंभूलाल रैगर के अलावा पूरे वारदात की वीडियो बनाने वाले उसके नाबालिग भांजे को चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के समक्ष पेश किया गया. कमिटी ने 15 वर्षीय लड़के को किशोर अपराधी मानते हुए उसे बाल सुधार गृह भेजने का आदेश दे दिया.

पुलिस को शुरुआती जांच में रैगर के पास से हिंदू-मुस्लिम विवाद से जुड़े यूट्यूब, टेलीविजन चैनलों के न्यूज क्लिप्स और लव जिहाद से जुड़ा ढेरों साहित्य बरामद हुआ है. ऐसी शंका जताई जा रही है कि कोई संगठन उसे यह सामग्री उपलब्ध करा रहा था और उसी संगठन के संपर्क में आने से उसके दिमाग में मुस्लिमों के प्रति नफरत और लव जिहाद का जहर भर गया.

हालांकि पुलिस को रैगर का पिछला कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है. पुलिस ने मामले में पूछताछ के लिए 10 अन्य व्यक्तियों को भी हिरासत में लिया है. इस बीच, उदयपुर में मुस्लिम समुदाय ने शुक्रवार को हाथीपोल से एक बड़ा जुलूस निकाला . मुस्लिम महासाभा के सदस्यों ने राजसमंद हत्याकांड की निंदा की और आरोपी के लिए मौत की सजा की मांग की.

उन्होंने डिवीजनल आयुक्त भवानी सिंह देथा के समक्ष एक फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा सुनवाई के लिए निवेदन प्रस्तुत किया और मांग रखी कि इस क्रूरता के लिए रैगर को 'फांसी' से कम कोई सजा नहीं होनी चाहिए.

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इससे पहले शनिवार को राजस्थान के DGP ओपी गहरोत्रा ने राजसमंद पहुंचकर मामले का जायजा लिया और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की ओर से बंगाल निवासी पीड़ित अफराजुल के परिजनों के लिए 5 लाख रुपये आर्थिक मदद की घोषणा की. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अफराजुल के परिवार को तीन लाख रुपये की आर्थिक मदद और परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है.

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