RSS कार्यकर्ता ने खुद रची थी अपने कत्ल की साजिश, लाश ने खोला राज

Himmat Patidar plotted his own murder पुलिस को पता चला कि संघ के शिवपुर मंडल के पूर्व कार्यवाह हिम्मत पाटीदार के सिर पर करीब बीस लाख रुपये का कर्ज था. इसी से छुटकारा पाने के लिए उसने खौफनाक साजिश रची.

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लाख के डीएनए टेस्ट ने इस पूरे मामले का खुलासा कर दिया (फाइल फोटो) लाख के डीएनए टेस्ट ने इस पूरे मामले का खुलासा कर दिया (फाइल फोटो)
परवेज़ सागर/रवीश पाल सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 28 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 3:13 PM IST

मध्य प्रदेश के रतलाम में आरएसएस कार्यकर्ता हिम्मत पाटीदार की हत्या का मामला पूरी तरह से उलट गया. इस मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. पुलिस के मुताबिक पाटीदार ने खुद ही अपने कत्ल की साजिश रची थी. उसने अपने गांव के एक शख्स का कत्ल किया और खुद लापता हो गया. लाश की पहचान छुपाने के लिए उसने लाश का चेहरा भी जला दिया था.

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ये सारा मामला लाश की डीएनए जांच के बाद खुलकर सामने आया. मृतक हिम्मत पाटीदार नहीं बल्कि उसी के गांव का मदन मालवीय था. ये वही शख्स था, जिसे पुलिस हिम्मत का कातिल मानकर उसकी तलाश कर रही थी. पुलिस को मदन पर शक इसलिए था, क्योंकि पाटीदार के मर्डर की सूचना के बाद से ही वो लापता था. लेकिन डीएनए टेस्ट से खुलासा हुआ कि मरने वाला मदन मालवीय ही था.

तब पुलिस का दिमाग ठनका. पुलिस ने दूसरे एंगल से जांच की तो सच सामने आ गया. पुलिस को पता चला कि संघ के शिवपुर मंडल के पूर्व कार्यवाह हिम्मत पाटीदार के सिर पर करीब बीस लाख रुपये का कर्ज था. इसी से छुटकारा पाने के लिए उसने खौफनाक साजिश रची और उससे रंजिश रखने वाले गांव के ही मदन मालवीय को बेरहमी के साथ कत्ल कर दिया.

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रतलाम के एसपी गौरव तिवारी ने बताया कि जांच में पता चला कि पाटीदार ने दिसंबर 2018 में ही 20 लाख रुपये का बीमा करवाया था और उस पर करीब 10 लाख रुपये का कर्ज भी था. इसलिए उसने ये सारा षड्यंत्र रचा और अपनी कदकाठी के ही मदन नाम के शख़्स की हत्या कर उसकी पहचान छिपाने की कोशिश की.

बीते सप्ताह बुधवार के दिन अपने खेत में हिम्मत के पिता लक्ष्मीनारायण पाटीदार ने एक लाश देखी थी. उस लाश का चेहरा झुलसा हुआ था और पास में ही हिम्मत पाटीदार की मोटरबाइक खड़ी थी. पुलिस बुलाने के बाद शव की शिनाख्त की गई. पाटीदार के पिता लक्ष्मीनारायण और चचेरे भाई सुरेश उसकी पहचान की. हिम्मत पाटीदार की हत्या की ख़बर लगते ही हिंदू संगठनों ने हंगामा शुरू कर दिया.

इस दौरान मामले की छानबीन में जुटी पुलिस को पता चला कि गांव का युवक मदन मालवीय भी गायब है. इसके बाद पुलिस ने मदन को कातिल मानकर उसकी तलाश शुरू कर दी थी. लेकिन डीएनए टेस्ट ने इस हत्याकांड की पूरी कहानी को ही बदल कर रख दिया.

कांग्रेस ने साधा निशाना

इस मामले को बीजेपी ने काफी तूल दिया था और मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर राजनीतिक हत्याओं का आरोप लगाया था. अब मामले में खुलासे के बाद कांग्रेस हमलावर हो गई. कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'मंदसौर में भाजपा नेता की भाजपा कार्यकर्ता द्वारा ही हत्या. भोपाल में भाजपा पदाधिकारी जुआं खेलते पकड़ाये. अब रतलाम के RSS के हिम्मत पाटीदार की हत्या में नया ट्विस्ट. डीएनए रिपोर्ट में लाश किसी अन्य की, हिम्मत पाटीदार की नहीं. जानकारी बड़ा बीमा करवाये जाने की भी. ये है सच.'

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