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रामपाल केस में कल फैसला, हिसार में धारा 144 लागू, 2000 जवान तैनात

हरियाणा के सतलोक आश्रम मामलों में रामपाल पर फैसले आने से पहले हिसार में धारा 144 लागू कर दी गई है. जिले के 1300 पुलिसकर्मियों और बाहरी जिलों के 700 जवानों को ड्यूटी में लगाया गया है. इसके अलावा पैरा मिलिट्री फोर्से और आरएएफ की 5 कंपनियों को भी बुलाया गया है.

फाइल फोटो फाइल फोटो
राम कृष्ण/सतेंदर चौहान
  • हिसार,
  • 10 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 6:58 PM IST

हरियाणा के बरवाला के सतलोक आश्रम मामले में रामपाल पर गुरुवार को आने वाले फैसले से पहले सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. हिसार जिले में धारा-144 लगा दी गई है. 11 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई के दौरान कोर्ट के चारो ओर तीन किलोमीटर का सुरक्षा घेरा बनाया गया है. इस घेरे में किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर पूरी तरह से पाबंदी होगी.

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वहीं, सुनवाई वाले दिन शहर में कई जगहों पर रूट डायवर्ट रहेगा. दिल्ली रोड, राजगढ़ रोड और साउथ बाईपास पर रूट डायवर्ट किया जाएगा. कोर्ट में सुनवाई से 48 घंटे पहले ही जिले की सभी सीमाएं सील कर दी गई है.

भारी संख्या में सुरक्षा बलों को किया गया तैनात

प्रशासन को अंदेशा है कि सुनवाई के दौरान रामपाल के 10 से 20 हजार श्रद्धालु कोर्ट परिसर, सेंट्रल जेल, लघु सचिवायल, टाउन पार्क और रेलवे स्टेशन जैसी जगहों पर एकत्रित हो सकते हैं. ये समर्थक किसी तरह की कानून व्यवस्था न बिगाड़ पाएं, इसके लिए पहले से ही तैयारियां कर ली गई हैं. जिले के 1300 पुलिसकर्मियों और बाहरी जिलों के 700 जवानों को ड्यूटी में लगाया गया है.

हरियाणा पुलिस के 12 SP और अन्य जिलों के डीएसपी को भी हिसार में तैनात किया गया है. इसके अलावा 5 पैरा-मिलिट्री फोर्से और RAF की कंपनियों को भी बुलाया गया है. बता दें कि सतलोक आश्रम हत्या मामलों में 11 अक्टूबर को फैसला आना है. प्रशासन ने फैसले को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. बरवाला के सतलोक आश्रम प्रकरण में हत्या के दो मुकदमों की सुनवाई अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय पराशर सेंट्रल जेल वन में कर रहे थे. उनका पिछले दिनों यहां से तबादला हो गया.

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हत्या के दो मामलों में पूरी हो चुकी है बहस

इसके बाद रामपाल के तीन मुकदमें अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीआर चालिया की अदालत में स्थानांतरित हो गए. अब वे सेंट्रल जेल वन में इन मुकदमों की सुनवाई कर रहे हैं और हत्या के दो मुकदमों में फैसला 11 अक्टूबर को आना है. दोनों मुकदमों में बहस पूरी हो चुकी है.

राज्य और जिलों की सीमाओं को किया गया सील

प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की कंपनियों को भी बुलाया है. प्रदेश सरकार ने हिसार में पांच कंपनियों की तैनाती करने की बात मान ली है. प्रदेश सरकार ने बाहरी जिलों से भी पुलिस बल यहां भेजा है. पुलिस कर्मियों को शहर की अलग-अलग धर्मशालाओं में ठहराया गया है. पुलिस प्रशासन ने इन पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगा दी है.

पुलिस प्रशासन ने शहर के नाकों पर पुलिस बल सोमवार से ही बढ़ा दिया है. नाकों पर पुलिस कर्मियों की संख्या 12 से 24 तक कर दी गई है. ये जवान 15 अक्टूबर तक तैनात रहेंगे. जिले के अंदर 25, सीमाओं पर 12 और साथ लगते अन्य जिलों में 11 नाके बनाए गए हैं. नाकों पर तैनात पुलिस कर्मी आते-जाते लोगों की निगरानी कर रहे हैं.

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न्यायालय परिसर में प्रवेश पर रोक

न्यायालय के फैसले के मद्देनजर रामपाल के समर्थकों के उग्र होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. इसी वजह से प्रशासन द्वारा किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध कर लिए गए हैं. किसी भी व्यक्ति को किसी भी सूरत में कानून हाथ में लेने नहीं दिया जाएगा. इसके लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं, जो पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर कानून व्यवस्था पर पूरी नजर बनाए रखेंगे.

एहतियात के तौर पर जिला को चार स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था से चाक-चौबंद किया गया है. पहले स्तर पर जिला सीमा से लगते सभी जिलों और राज्य की सीमा पर नाके बनाए गए हैं, जहां से किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा. दूसरे स्तर पर शहर के संवदेनशील स्थानों पर नाके बनाए गए हैं. इसके न्यायालय परिसर में बिना अनुमति के किसी को घुसने की इजाजत नहीं दी जाएगी.

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