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मेनका गांधी के 'फर्जी' लेटर को दिखा करते थे पशु तस्करी, दो गिरफ्तार

तस्करों के पास से केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी और उनके ओएसडी आनंद लाल चौधरी के दस्तखत वाले फर्जी लेटर बरामद हुए हैं.

मेनका गांधी के फर्जी लेटर का तस्करों ने किया इस्तेमाल मेनका गांधी के फर्जी लेटर का तस्करों ने किया इस्तेमाल
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 28 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 3:07 PM IST

यूपी के बरेली जिले के नवाबगंज इलाके में दो ऐसे तस्कर पकड़े गए हैं जो केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के 'फर्जी लेटर' दिखाकर पशु तस्करी करते थे. दोनों तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार इन तस्करों के पास से केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी और उनके ओएसडी आनंद लाल चौधरी के दस्तखत वाले फर्जी लेटर बरामद हुए हैं. कुछ स्थानीय गौरक्षकों की सूचना पर मोहन लाल और जमील खान नामक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.

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पुलिस में दर्ज एफआईआर के अनुसार, दोनों एक वैन में दो बैल लेकर उन्हें एक बूचड़खाने में बेचने जा रहे थे. उनका एक अन्य सहयोगी इंतजार भाग निकला. पुलिस ने इनके पास से कुछ फर्जी लेटर और दो स्थानीय स्थानों की फर्जी मुहर भी बरामद की है.

पुलिस के अनुसार उनके पास से केंद्रीय मंत्री और पीलीभीत से सांसद मेनका गांधी के दस्तखत वाला एक खाली लेटर हेड भी बरामद किया गया. एक अन्य लेटर भी बरामद हुआ जिसमें कथित तौर पर मेनका गांधी के ओएसडी ने डीएम को संबोधित करके लिखा है कि वह मोहन लाल को पशुओं की तस्करी रोकने के मामले में प्रशासनिक सहयोग दें. इस लेटर में कहा गया है, 'लाल पीपल्स फॉर एनिमल्स के सदस्य हैं और पशुओं के कल्याण के लिए काम करते हैं.' इस पर कथि‍त रूप से मंत्री के ओएसडी आनंद लाल चौधरी के दस्तखत हैं.

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जिले के एसएसपी के अनुसार, दोनों लेटर पर दस्तखत तो असली हैं, लेकिन इन लिखा मैटर फर्जी है. ये किसी असली लेटर के ऊपर कागज लगाकर फोटो कॉपी के जुगाड़ से तैयार किए गए हैं. इस मामले में जांच चल रही है कि आरोपियों के पास असली दस्तखत वाले लेटर कैसे पहुंचे. आमतौर पर पीपल्स फॉर एनिमल्स (PFA) के सदस्यों को मेनका गांधी और उनके ओएसडी द्वारा इस तरह के लेटर दिए जाते हैं.

पुलिस के अनुसार ऐसा लगता है कि असल अभियुक्त इंतजार नामक व्यक्ति है और उसी ने फर्जी लेटर तैयार किए हैं. उसकी गिरफ्तारी के बाद ही पूरे मामले का खुलासा हो पाएगा. पकड़े गए दोनों आरोपियों के ऊपर आईपीसी की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. ये धाराएं दस्तावेजों की जालसाजी से संबंधित हैं.

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