
इस बात के सबूत सामने आए हैं कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और जमात-उद-दावा (JuD) भारत की छवि बिगाड़ने की साजिश में लगे हुए हैं. लाहौर में लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद को सिख आतंकी नेता गोपाल सिंह चावला के साथ देखा गया. खबर है कि पाकिस्तानी अधिकारियों के कहने पर गोपाल सिंह चावला ने ही पाकिस्तान पहुंचे भारतीय सिख तीर्थ यात्रियों को गुरुद्वारा पंजा साहिब में प्रवेश नहीं करने दिया था.
भारतीय श्रद्धालुओं के दूतावास अधिकारियों से मिलने पर रोक
पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और हर वह कोशिश कर रहा है जिससे पाकिस्तान से लगते पंजाब और भारत में अस्थिरता का माहौल पैदा किया जा सके. हाल ही में बैसाखी के अवसर पर ननकाना साहिब गए भारतीय सिख श्रद्धालुओं को भारतीय दूतावास के अधिकारी, जो कि जत्थे का स्वागत करने गए थे, उनसे मिलने नहीं दिया गया.
गुरुद्वारा पंजा साहिब में भारतीय दूतावास के अधिकारी गुरुदेव शर्मा और राजपाल श्रद्धालुओं से मिलने गए थे, लेकिन इनको हाफिज सईद के खासमखास पाकिस्तानी सिख गोपालसिंह सिंह चावला ने नहीं मिलने दिया और जहां-जहां ये श्रद्धालु गए, वहां-वहां रेफरेंडम 2020 के बड़े-बड़े बैनर और पोस्टर लगा दिए गए.
भारतीय श्रद्धालुओं को हाफिज सईद से मिलाने की कोशिश
इतना ही नहीं बल्कि पंजाबी श्रद्धालुओं को उकसाकर हाफिज सईद से मिलवाने की कोशिश भी की गई. गौरतलब है कि गोपाल सिंह चावला आईएसआई के लिए काम करता है और आईएसआई चाहती है कि सिख आतंकी गतिविधियों को भारत और यूरोप में फैलाया जाए, जिसका समर्थन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए- तैयबा जैसे आतंकी संगठन भी करते हैं.
भारतीय जत्थे को भड़काने की कोशिश
13 तारीख को ननकाना साहिब गुरद्वारे के लिए 700 से ज्यादा श्रद्धालुओं का जत्था गया था, जो कि अमृतसर से वाघा बॉर्डर होते गया था और जिनकी वापसी 21 अप्रैल की है. इस जत्थे को पाकिस्तान, आईएसआई और आतंकी संगठन भारत के खिलाफ भड़काने की कोशिश में लगे हुए हैं.