
आंध्र प्रदेश के ईस्ट गोदावरी जिले में रिश्तों के कत्ल की एक ऐसी कहानी सामने आई है, जिसे सुनकर सभी के होश उड़ गए. यहां कुछ रुपयों के लालच में एक महिला ने अपने ही भाई की जान ले ली. दरअसल करीब एक साल पहले दुर्घटना में हुई एक मौत के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है. आरोपी महिला ने इंश्योरेंस की रकम हड़पने के मकसद से अपने भाई की हत्या कर दी थी और उसे दुर्घटना का रंग दे दिया था. वारदात को अंजाम देने में महिला का पति भी शामिल था. पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने हत्या के राज से पर्दा उठाते हुए बताया कि 11 अगस्त, 2015 को 22 साल के कादिरी वेंकटेश की रेलवे ट्रैक के पास लाश मिली थी. शुरुआत में पुलिस इसे दुर्घटना मान रही थी लेकिन अब खुलासा हुआ है कि वेंकटेश को चलती ट्रेन से धक्का दे दिया गया था. दरअसल यह पूरी साजिश इंश्योरेंस की रकम हड़पने के लिए रची गई थी. वेंकटेश की बहन माधुरी और उसके पति नागेंद्र इस हत्याकांड के मास्टरमाइंड थे. पुलिस ने बताया कि वेंकटेश एक जानलेवा संक्रामक रोग से पीड़ित था.
फर्जी दस्तावेजों की मदद से मृतक का करवाया बीमा
वह माधुरी के घर में ही रहता था और नागेंद्र की मोबाइल फोन की दुकान में सहायक के तौर पर काम करता था. आरोपी दंपति इस बात को अच्छी तरह से जानते थे कि वेंकटेश ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रहेगा. इसलिए उन्होंने एक प्लान बनाया. दंपति ने फर्जी दस्तावेजों की मदद से नवंबर 2014 में चार बीमा कंपनियों से उसका करीब 1.19 करोड़ रुपये का बीमा करवा दिया, जिसमें बहन माधुरी को नॉमिनी बनाया गया था. वारदात को अंजाम देने के लिए दंपति ने तीन लोगों को इस साजिश में शामिल किया.
चुपके से जेब में डाला पहचान पत्र और फोन नंबर
बस इसी एक वजह ने दंपति को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. डीसीपी (लॉ ऐंड ऑर्डर) नवीन गुलाटी ने बताया कि 10 अगस्त, 2015 की रात दंपति वेंकटेश को विजयवाड़ा के कनकदुर्गा मंदिर ले जाने की बात कहकर निकले. साथ में अन्य तीनों आरोपी भी उनके साथ शामिल हो गए. सभी पुरी-तिरुपति एक्सप्रेस में सवार हो गए. माधुरी ने वेंकटेश की जेब में अपना पहचान पत्र और फोन नंबर चुपके से डाल दिया था. जब ट्रेन बिक्कावालु पहुंची तो एक आरोपी कामेश्वर राव ने वेंकटेश को ट्रेन से नीचे धक्का दे दिया.
रकम में मतभेद ने खोला कत्ल का राज
जीआरपी ने दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया और तय प्लान के मुताबिक माधुरी को हादसे की जानकारी दी. डीसीपी ने बताया कि दंपति ने बीमा कंपनियों से फर्जी दस्तावेजों की मदद से 69 लाख रुपये प्राप्त भी कर लिए थे. डील के मुताबिक दंपति ने आरोपी रामचंद्र को 11 लाख रुपये, कामेश्वर राव को 6 लाख रुपये और बोका राम प्रसाद को 30,000 रुपये दिए थे. लेकिन रकम को लेकर आरोपियों में मतभेद हो गए और किराये के हत्यारों में से एक ने पुलिस को सारे मामले की सूचना दे दी. फिलहाल पुलिस ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.