
वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश मर्डर केस की जांच कर रही एसआईटी ने इस मामले में लेखक विक्रम संपत के बयान दर्ज किए हैं. उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले जब वह लंदन से वापस आए तो एसआईटी का एक अधिकारी उनके घर गौरी लंकेश मामले में उनका बयान दर्ज करने आया था.
लेखक विक्रम संपत ने कहा कि उन्हें लगता है कि एसआईटी अधिकारी का यह रवैया रचनात्मक नहीं था, लेकिन कानून का पालन करने वाले किसी भी शहरी की तरह उन्होंने जांच में सहयोग दिया. उनसे पूछताछ का मतलब तब होता जब गौरी के खिलाफ कोई आलोचनात्मक लेख लिखा होता.
उन्होंने कहा कि न तो ऐसा कोई लेख लिखा न ही उनके लेखों पर कोई प्रतिक्रिया दी, बल्कि यह काम खुद गौरी ने किया है. उन्होंने उनको सार्वजनिक रूप से बदनाम किया और उनको विपक्षी पार्टी मान लिया गया. ऐसे में इस वारदात में उनकी भूमिका पर बेमतलब संदेह जताया जा रहा है.
गौरी लंकेश कन्नड़ टेबलॉयड 'लंकेश पत्रिका' की संपादक थीं. उन्होंने अपने टेबलॉयड में 2015 में लेखकों के अवार्ड वापसी अभियान का विरोध करने के लिए विक्रम संपत पर कुछ आलोचनात्मक लेख लिखे थे. इतना ही नहीं 2016 में बीजेपी नेताओं के खिलाफ रिपोर्ट प्रकाशित की थी.
बताते चलें कि गौरी लंकेश मर्डर केस की जांच कर रही एसआईटी को सीसीटीवी फुटेज से ठोस सबूत हाथ लगे हैं. पुलिस 600 डिजिटल वीडियो रिकॉर्डिंग का विश्लेषण कर रही है. इसके साथ ही कुछ प्रत्यक्षदर्शियों से भी पूछताछ की जा रही है, जिन्होंने हमलावरों को भागते हुए देखा था.
एसआईटी चीफ ने क्राइम सीन का पांच बार दौरा किया है. पुलिस को यह भी पता चला है कि वारदात को अंजाम देने से पहले संदिग्धों ने गौरी के घर की रेकी थी. बाइक पर आए संदिग्धों ने गौरी के घर के तीन चक्कर लगाए थे. करीब 35 साल का एक संदिग्ध सीसीटीवी में साफ देखा गया.