
वो आतंकियों के गढ़ सीरिया जाने की फिराक में था. लेकिन भारत की सुरक्षा एजेंसियों को जैसे ही उसकी ख़बर लगी, वे चौकन्ना हो गए. फौरन भारत की एजेंसी के अधिकारी तुर्की रवाना हो गए. और वहां बार्डर पर पकड़ा गया शाहजहां कैंडी. ये वो नाम है जिसका ताल्लुक आतंक से है. तुर्की की सरकार को भारतीय अधिकारियों ने तमाम सबूत दिए और उसके बाद शाहजहां को भारत डिपोर्ट कर दिया गया.
दिल्ली एयरपोर्ट पर पहले से मौजूद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शाहजहां को फौरन गिरफ्तार कर लिया. अब हम आपको बताते हैं कि आखिर ये शख्स है कौन. 32 साल का शाहजहां कैंडी केरल का रहने वाला है. वह साउथ इंडिया में सक्रिय संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया का सक्रिय सदस्य है. शाहजहां ने खुलासा किया कि वो 2 बार सीरिया जाने की कोशिश कर चुका है.
बड़ा खुलासा ये कि वह साल 2016 में मोहम्मद ईस्माइल मोईनुद्दीन नाम से फर्जी पहचान बनाकर सीरिया जाने की कोशिश में लगा था. लेकिन तभी उसे टर्की बार्डर पर गिरफ्तार कर लिया गया था. शाहजहां ने जांच एजेंसियों के सामने खुलासा किया है कि उसने चैन्नई के एक ट्रेवल ऐजेंट से फर्जी पासपोर्ट हासिल किया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चैन्नई के उस ट्रेवल एजेंट मुस्तफा को भी गिरफ्तार कर लिया है.
चैन्नई पुलिस ने तमिलनाडु पुलिस के एक कांस्टेबल और डाक विभाग के एक कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया है. उनसे पूछताछ में खुलासा हुआ कि मुस्तफा की ट्रेवल एजेंसी से तकरीबन 15 से ज्यादा फर्जी पहचान के पासपोर्ट लोगों को दिए गए हैं. सूत्रों के मुताबिक 10 लोग केरल के हैं, जो फर्जी पहचान पर सीरिया जा चुके हैं. जबकि 5 श्रीलंकन तमिल भी उनमें शामिल हैं.
शाहजहां कैंडी ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह केरल के खयुम के साथ सीरिया जा रहा था. खयुम बार्डर पार कर सीरिया पहुंच गया. जबकि शाहजहां पकड़ा गया. शाहजहां के मुताबिक केरल के रहने वाले मनफ, खयुम, शमीर अली और शहजील समेत कुल 13 लोग सिरिया गए हैं. जिसमें शमीर अली के मारे जाने की खबर को जांच एजेंसियों ने पुख्ता कर लिया है. जबकि मनफ, खयुम और शहजील समेत 13 लोगों के बारे में कोई जानकारी अभी तक हाथ नहीं लगी है. हैरानी की बात ये है कि ये सभी पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया के सक्रिय सदस्य थे.
जांच एजेंसियों के लिए सबसे ज्यादा परेशानी की बात ये है कि केरल और तमिलनाडु में दलितों और कमजोरों की लड़ाई लड़ने के लिए खड़ा हुआ संगठन पीएफआई अब कट्टरपंथ की राह पकड़ चुका है. और ये संगठन जेहाद की वकालत कर रहा है. दक्षिण भारत में पीएफआई के सदस्य भारी तादाद में हैं, जो अब आतंक की राह पकड़ते जा रहे हैं. जिसका जिंदा सबूत है शाहजहां. जो दूसरी बार सीरिया जाने की कोशिश में टर्की बार्डर पर पकड़ा गया.
शाहजहां ने पूछताछ में खुलासा किया है कि अब तक पीएफआई के केरल और तमिलनाडु के कई कार्यकर्ता सीरिया जा चुके हैं, वे सभी फर्जी पहचान पर पासपोर्ट हासिल करके वहां गए. शायद यही वजह है कि जांच एजेंसियों के पास सीरिया जाकर बगदादी की सेना में शामिल होने वाले हिंदुस्तानियों का सटीक आंकड़ा नहीं है. शाहजहां ने जो खुलासा किया है, उससे केरल और तमिलनाडु के ऐसे 23 लोगों के नाम पहली बार सामने आए हैं, जो सीरिया जा चुके हैं. जिसमें एक के मारे जाने की पुष्टी भी हो चुकी है. सूत्रों की मानें तो फिलहाल दक्षिण भारत में ऐसे सैकड़ों स्लीपर सेल एक्टीव हैं, जो सीरिया से ट्रेनिंग लेकर वापस आ चुके हैं. अब उनकी गिरफ्तारी के लिए कोशिशें की जा रही हैं.