
तुर्की में पकड़े गए पीएफआई के सदस्य शाहजहां कैंडी ने कई अहम खुलासे किए हैं. जिससे साफ पता चलता है कि दक्षिण भारत में सक्रीय पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया के सदस्य और जेहाद की राह पकड़ चुके हैं. पूछताछ में उसने खुलासा किया कि दक्षिण भारत में पीएफआई के सैकड़ों सदस्य इस्लामिक कट्टरवाद की राह पर हैं और उनके निशाने पर आरएसएस, वीएचपी और बीजेपी के नेता हैं.
बीते साल 2016 के दिसंबर माह में एनआईए और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक साझा ऑपरेशन में केरल और तमिलनाडु से 6 लोगों को गिरफ्तार किया था, तभी आईएस के एक बड़े माड्यूल का खुलासा हुआ था. उस वक्त पकड़े गए लोगों ने पूछताछ में खुलासा किया था कि वे सभी पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सक्रिय सदस्य हैं, और उनके निशाने पर बीजेपी-आरएसएस के नेता थे, जिनका गला काटना था और गला काटते हुए वीडियो भी बनाना था. साथ ही पता चला था कि उनका मकसद विदेशी नागरिकों को बड़े पैमाने पर मौत के घाट उतारना था. उस दौरान शाहजहां कैंडी फरार होने में कामयबा हो गया था. जो अब टर्की बार्डर पर फर्जी पासपोर्ट के साथ धरा गया है.
सऊदी अरब में बैठा मनशीद उर्फ उमर अल हिंदी फेसबुक समेत तमाम सोशल साइट्स पर अपने बयान जारी करता था और उसके जरिए लगातार केरल और तमिलनाडू के नौजवानों को रेडिकलाइज करता था. शाहजहां केरल और तमिलनाडू में बैठकर का अपने नेटवर्क से जुड़े लोगों को इस्तेमाल कर उमर-अल हिंदी की मदद कर रहा था. जबकि केरल में बैठे रमशाद को वीएचपी नेता का गला काटने की जिम्मेदारी दी गई थी. प्लान रेडी था और हथियार भी. लेकिन साजिश को तभी अंजाम दिया जाना था, जब सउदी अरब से उमर-अल-हिंदी हिंदुस्तान पहुंचता. उमर-अल-हिंदी जैसे ही केरल पहुंचा जांच एजेंसियों ने सभी को धर दबोचा.
2016 में मनशीद उर्फ उमर अल हिंदी की गिरफ्तारी और पूछताछ में खुलासा हुआ कि वो सउदी अरब काम के सिलसिले में गया था. लेकिन वहाबी विचारधारा के लोगों के साथ जुड़ने के बाद उसने जेहाद की राह पकड़ी और फिर शुरु हुआ भगवान के देश में खून-खराबे का प्लान. फेसबुक पर मौजूद मनशीद का प्रोफाइल इस बात का जिंदा सबूत है कि कैसे गल्फ कंट्री में बड़े पैमाने पर नेपाली और अफ्रीकन लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. जांच एजेंसियों की मानें तो धर्म परिवर्तन के बाद सभी को रेडीकलाइज कर जेहाद के लिए उकसाया जा रहा है.
शाहजहां से पूछताछ में जांच एजेंसियों को कई अहम जानकारियां मिली हैं. दरअसल, दक्षिण भारत में फैले पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को बहरीन समेत कई गल्फ कंट्रीज से अरबों रुपये मिल रहे हैं. जिसका इस्तेमाल केरल समेत पूरे दक्षिण भारत में खून-खराबे के लिए हो रहा है. सूत्रों की मानें तो सीरिया जाने के लिए केरल और तमिलनाडु के कई नौजवानों को बहरीन से पैसों की मदद भी की गई. कमजोरों और दलितों की लडाई लड़ने वाला संगठन अब पूरी तरह से इस्लामिक कट्टरपंथ की राह पकड़ चुका है. जिसका सबूत है केरला में हुई हत्याएं.
शाहजहां के खुलासे के बाद दिल्ली पुलिस की कई टीम फिलहाल केरल और चैन्नई में मौजूद हैं. और मामले की तफ्तीश की जा रही है. साथ ही चैन्नई की ट्रेवल ऐजेंसी से जारी फर्जी पासपोर्ट किन लोगों को दिए गए हैं, इस बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है. सूत्रों के मुताबिक आने वाले दिनों में दक्षिण भारत के कई और ऐसे चेहरे बेनकाब होंगे जो सीरिया जा चुके हैं और ऐसे भी जो बगदादी के लिए लड़ते हुए मारे जा चुके हैं. जिनका आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला हो सकता है.