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कीनन-रुबेन हत्याकांड में 4 को उम्रकैद, छेड़छाड़ से रोकने पर हुआ था हमला

मुंबई की एक विशेष अदालत ने कीनन-रुबेन हत्याकांड में अपना फैसला सुना दिया है. अदालत ने चारों हत्यारोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है.

कीनन-रुबेन हत्याकांड में कोर्ट ने आरोप पहले ही तय कर दिए थे कीनन-रुबेन हत्याकांड में कोर्ट ने आरोप पहले ही तय कर दिए थे
परवेज़ सागर
  • मुंबई,
  • 05 मई 2016,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST

मुंबई की एक विशेष अदालत ने कीनन-रुबेन हत्याकांड में अपना फैसला सुना दिया है. अदालत ने चारों हत्यारोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है.

विशेष अदालत ने गुरुवार की सुबह कीनन संतोष और रुबेन फर्नाडीस की हत्या के मामले में फैसला सुनाते हुए चारों आरोपियों को दोषी करार दिया. इसके बाद अदालत ने चारों दोषियों जितेंद्र राणा, सुनील बोध, सतीश दुल्हज और दीपक तिवाल को उम्रकैद की सजा सुनाई.

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इन चारों आरोपियों के खिलाफ अदालत ने अक्टूबर 2012 में हत्या, साजिश और छेड़छाड़ के आरोप तय किए थे. तभी से इस मामले में फैसले का इंतजार किया जा रहा था. यह मामला मुंबई की एक विशेष अदालत में चल रहा था. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने गुरुवार को फैसला दिया.

गौरतलब है कि 20 अक्टूबर 2011 की शाम कीनन और रूबेन ने मुंबई के अंधेरी इलाके में अपनी महिला साथी से छेड़छाड़ का विरोध किया था. जिस पर बदसलूकी करने वाले चार लोगों ने कीनन और रुबेन पर जानलेवा हमला कर दिया था. हमले में घायल कीनन की उसी दिन मौत हो गई थी.

जबकि इलाज के दौरान दस दिन बाद रूबेन ने भी दम तोड़ दिया था. पुलिस से इस मामले के आरोपी जितेंद्र राणा, सुनील बोध, सतीश दुल्हज और दीपक तिवाल को कुछ वक्त बाद ही गिरफ्तार कर लिया था. उनके खिलाफ हत्या, साजिश और छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज किया गया था.

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कीनन के पिता वालेरियन संतोष का कहना है कि आरोपियों के लिए उम्रकैद की सज़ा पीडित परिवारों के लिए अच्छा फैसला है. उन्होनें कहा कि यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर वाला मामला नहीं है, इसलिए उन्होनें कोर्ट से आरोपियों को मौत की सजा देने के लिए नहीं कहा था.

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