
मौत के एक साल बाद एक मोबाइल ने लड़की की आत्महत्या का राज खोल दिया. उसका पिता न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा था. न तो घरवालों को और न ही पुलिसवालों को पता था कि लड़की ने आत्महत्या क्यों की है. लेकिन वारदात के करीब एक साल बाद एक प्रेमी-प्रेमिका के बीच की कहानी का पूरा राज खुल गया. जी हां, ये कहानी बिहार की राजधानी पटना की है. 11 सितंबर 2015 की वो मनहूस रात जिस दिन सीए कर रही सरिता नाम की लड़की ने पंखे से लटककर अपनी इहलीला समाप्त कर ली.
इस घटना के बाद पुलिस आई और आत्महत्या का मामला दर्ज किया. फिर पोस्टमार्टम कराकर केस को रफादफा कर दिया. सरिता के पिता अरुण कुमार सिंह को ये समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर उनकी बेटी सरिता ने ये कदम क्यों उठाया. सरिता के पास एक मोबाइल था लेकिन उसके पिता को इसको चलाना नहीं आता था. इस मामले की जांच कर रहे पुलिस वालों ने परिजनों से इस मामले के तफ्तीश में मोबाइल की जानकारी मांगी. पुलिस द्वारा जांच में लापरवाही बरतने का इससे खराब उदाहरण नहीं मिल सकता.
अपनी बेटी के खो जाने के गम में परेशान अरुण कुमार सिंह न जाने कैसे सरिता के मोबाइल को खंगलवाया तो सबकी आंखे फटी की फटी रह गई. उनके सामने बेटी की खुदकुशी का राज खुल गया. उनकी बेटी ने एक लड़के के प्यार में धोखा मिलने के बाद इस खौफनाक कदम को उठाया था. सरिता के पिता ने पुलिस को इसकी जानकारी दी, लेकिन बिहार पुलिस का कारनामा देखिए कि महीने भर से ज्यादा हो चुका, लेकिन इस घटना की जांच की दिशा में पुलिस ने एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया. अब पिता ने सीएम को न्याय के लिए पत्र लिखा है.
बताते चलें कि पटना के अशोक नगर में रहने वाले अरुण कुमार सिंह की बेटी सरिता सिंह सीए की पढ़ाई कर रही थी. सरिता आशुतोष कृष्णा उर्फ आकाश नाम के एक लड़के को अपना दिल दे बैठी. दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ने लगा. मिलना-जुलना और मोबाइल पर दिन रात बातें भी हुआ करती थी. शादी के नाम पर आशुतोष सरिता को झूठा दिलासा देता रहा. आशुतोष के व्यवहार के खिन्न होकर सरिता ने उसे व्हाट्सऐप पर ये मैसेज भी किया कि वो आत्महत्या करने जा रही है लेकिन उस लड़के पर इसका कोई असर नहीं हुआ.