Advertisement

आपत्तिजनक सामग्री बांट रहे संत रामपाल के 22 समर्थक हिरासत में

यूपी के अलीगढ़ जिले में सतलोक आश्रम के संचालक संत रामपाल के करीब दो दर्जन अनुयायियों को पुलिस ने सोमवार को हिरासत में ले लिया. इन पर आपत्तिजनक सामग्री वितरित करने का आरोप है. आरोप है कि प्रचार सामग्री में हिंदू धर्म और विभिन्न देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है.

जेल में बंद संत रामपाल जेल में बंद संत रामपाल
मुकेश कुमार
  • लखनऊ,
  • 01 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 2:22 PM IST

यूपी के अलीगढ़ जिले में सतलोक आश्रम के संचालक संत रामपाल के करीब दो दर्जन अनुयायियों को पुलिस ने सोमवार को हिरासत में ले लिया. इन पर आपत्तिजनक सामग्री वितरित करने का आरोप है. आरोप है कि प्रचार सामग्री में हिंदू धर्म और विभिन्न देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है.

पुलिस के मुताबिक, रामपाल के समर्थकों के पास से चार वाहन और भारी मात्रा में प्रचार सामग्री बरामद की गई है. सतलोक आश्रम हरियाणा के बरवाला में स्थित है, लेकिन यह लोग अलीगढ़ जलालपुर इलाके में पंपलेट व कई किताबें वितरित कर रहे थे. वहां से गुजर रहे बीजेपी कार्यकर्ता अतुल राजाजी ने प्रचार सामग्री देख ली.

Advertisement

बताया जा रहा है कि इसके बाद हिन्दूवादी संगठनों ने हंगामा कर दिया. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. एसपी सिटी अतुल श्रीवास्तव के मुताबिक बाबा रामपाल के सभी 22 अनुयायियों के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने की धारा समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

बताते चलें कि बीते 29 अगस्त को ही संत रामपाल के खिलाफ चल रहे दो केसों में कोर्ट ने उन्हें बरी किया है. उनके खिलाफ दर्ज FIR नंबर 426 और 427 पर जज मुकेश कुमार सुनवाई कर रहे थे. संत रामपाल पर FIR नंबर 426 में सरकारी कार्य में बाधा डालने और 427 में आश्रम में जबरन लोगों को बंधक बनाने का केस दर्ज था.

कबीर पंथी विचारधारा के समर्थक संत रामपाल दास देशद्रोह के एक मामले में इन दिनों हिसार जेल में बंद हैं. हिसार के बरवाला में तीन साल पहले हुए विवाद के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. इससे पहले साल 2006 में भी रामपाल पर हत्या का केस दर्ज हुआ था. रामपाल स्वामी रामदेवानंद महाराज के शिष्य हैं.

Advertisement

जानिए, कौन हैं संत रामपाल दास

संत रामपाल दास का जन्म हरियाणा के सोनीपत के गोहाना तहसील के धनाना गांव में हुआ था. पढ़ाई पूरी करने के बाद रामपाल को हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की नौकरी मिल गई. इसी दौरान इनकी मुलाकात स्वामी रामदेवानंद महाराज से हुई. रामपाल उनके शिष्य बन गए और कबीर पंथ को मानने लगे.

नौकरी छोड़कर आश्रम की स्थापना

21 मई, 1995 को रामपाल ने 18 साल की नौकरी से इस्तीफा दे दिया और सत्संग करने लगे. उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ती चली गई. कमला देवी नाम की एक महिला ने करोंथा गांव में बाबा रामपाल दास महाराज को आश्रम के लिए जमीन दे दी. 1999 में बंदी छोड़ ट्रस्ट की मदद से संत रामपाल ने सतलोक आश्रम की नींव रखी.

स्वामी दयानंद पर कमेंट के बाद बवाल

2006 में स्वामी दयानंद की लिखी एक किताब पर संत रामपाल ने एक टिप्पणी की. आर्यसमाज को ये टिप्पणी बेहद नागवार गुजरी और दोनों के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई. घटना में एक शख्स की मौत भी हो गई. इसके बाद एसडीएम ने 13 जुलाई, 2006 को आश्रम को कब्जे में ले लिया. रामपाल और उनके 24 समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया.

आर्य समाज से झड़प में तीन की मौत

Advertisement

2009 में संत रामपाल को आश्रम वापस मिल गया. उनके खिलाफ आर्य समाज के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी. 12 मई, 2013 को नाराज आर्य समाजियों और संत रामपाल के समर्थकों में एक बार फिर झड़प हुई. इस हिंसक झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई और करीब 100 लोग घायल हो गए.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement