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SC की कड़ी चेतावनी के बाद जेल से रिहा हुईं प्रियंका शर्मा, ममता का बनाया था मॉर्फ

सुप्रीम कोर्ट की कड़ी चेतावनी के बाद प्रियंका शर्मा को आज रिहा कर दिया गया. आपको बता दें कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने प्रियंका शर्मा को रिहा करने का आदेश दिया था, लेकिन कोलकाता की अलीपुर जेल प्रशासन ने रिहा नहीं किया था.

प्रियंका शर्मा (File Photo- PTI) प्रियंका शर्मा (File Photo- PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 मई 2019,
  • अपडेटेड 2:36 PM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मॉर्फ तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करने वाली भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता प्रियंका शर्मा को जेल से रिहा कर दिया गया है. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की कड़ी चेतावनी के बाद प्रियंका शर्मा को आज रिहा कर दिया गया. आपको बता दें कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने प्रियंका शर्मा को रिहा करने का आदेश दिया था, लेकिन कोलकाता की अलीपुर जेल प्रशासन ने रिहा नहीं किया था.

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इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया. बुधवार को शीर्ष अदालत ने कोलकाता की अलीपुर जेल प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी कि अगर आधे घंटे में प्रियंका शर्मा को रिहा नहीं किया गया, तो अंजाम भुगतने को तैयार रहना. कोर्ट ने कहा कि प्रथमदृष्टया प्रियंका शर्मा की गिरफ्तारी तानाशाहीपूर्ण थी. इसी वजह से हमने उनको रिहा करने का आदेश दिया है.

इससे पहले बुधवार सुबह प्रियंका शर्मा के वकील सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और बताया कि जेल प्रशासन ने अदालत के आदेश की प्रमाणित प्रति मांगी और रिहा नहीं किया. इसके चलते प्रियंका को 24 घंटे और जेल में बिताने पड़े. इसके बाद बुधवार सुबह जेल प्रशासन ने प्रियंका शर्मा के परिजनों को बुलाया और कहा कि आज उनकी रिहाई कर दी जाएगी.

वहीं, सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी के बाद पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने दलील दी कि जेल प्रशासन ने आज बुधवार सुबह 9:30 बजे प्रियंका शर्मा को रिहा कर दिया है. इस दौरान पश्चिम बंगाल सरकार ने दलील दी कि प्रियंका शर्मा की रिहाई का आदेश मंगलवार शाम पांच बजे प्राप्त हुआ था. जेल मैनुअल के मुताबिक अदालत के आदेश की पुष्टि की आवश्यकता होती है. इसके चलते ही देरी हुई और प्रियंका शर्मा की रिहाई मंगलवार को नहीं हो पाई.

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इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे आदेश को जेल प्रशासन का मैनुअल ओवररूल नहीं कर सकता है. आपको बता दें कि प्रियंका शर्मा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मॉर्फ तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की थी. इसको लेकर तृणमूल कांग्रेस ने पुलिस में शिकायत की थी और फिर उनको गिरफ्तार कर लिया गया था.

जब प्रियंका शर्मा को निचली अदालत में पेश किया गया, तो कोर्ट ने उनको जमानत देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद प्रियंका शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी. मामले की सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने प्रियंका शर्मा को रिहा करने का आदेश दे दिया था.

वहीं, जेल से रिहा होने के बाद प्रियंका शर्मा ने जेलर पर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा, 'मंगलवार को जेलर ने मुझको धक्का मारा और बदसलूकी की. मुझको प्रताड़ित किया गया. साथ ही मुझे सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी 18 घंटे तक जेल में रखा गया. मुझको मेरे परिजनों से मिलने तक नहीं दिया गया.'

उन्होंने आरोप लगाया, 'मुझसे जबरन माफीनामे पर दस्तखत करवाए गए. मुझे जेल में टॉर्चर किया गया. मुझे ममता बनर्जी की मॉर्फ तस्वीर शेयर करने का कोई अफसोस नहीं हैं. मैं माफी नहीं मांगूंगी.' इस दौरान प्रियंका शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के रिहाई आदेश के बावजूद 18 घंटे तक जेल में रखे जाने पर 50 लाख रुपये का मुआवजा मांगा है.

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