
लाल किला हमले के दोषी और फांसी की सजा पाए आरिफ उर्फ अशफाक की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट फिर से सुनवाई करेगी. तीन जजों की बेंच इस याचिका पर ओपन कोर्ट में सुनवाई करेगी.
सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने मंगलवार को पाकिस्तानी नागरिक आरिफ उर्फ अशफाक की उस याचिका को मंजूर कर लिया, जिसमें उसने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की इजाजत मांगी थी. अदालत ने उसे एक महीने के भीतर याचिका दायर करने की इजाज़त दे दी है.
सर्वोच्च न्यायालय को दी गई अर्जी में आरिफ ने कहा था कि उसकी पुनर्विचार याचिका ओपन कोर्ट में नहीं सुनी गई थी. इसलिए न्याय हित में होगा अगर उसकी पुनर्विचार याचिका ओपन कोर्ट में दोबारा सुन ली जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में याकूब मेमन और आरिफ की याचिका पर ही ऐतिहासिक फैसला दिया था कि फांसी की सज़ा पाए दोषियों की पुनर्विचार याचिका ओपन कोर्ट में सुनी जानी चाहिए. इससे पहले पुनर्विचार याचिका की सुनवाई न्यायधीश अपने चैम्बर में करते थे.
जानकारों के मुताबिक शायद यह पहला मामला होगा, जब फांसी की सज़ा पाए किसी दोषी की पुनर्विचार याचिका और क्यूरेटिव याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार याचिका पर दोबारा सुनवाई करेगी.
गौरतलब है कि 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने आरिफ की फांसी की सजा को बरकरार रखते हुए पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने आरिफ की क्यूरेटिव याचिका भी खारिज कर दी थी.
बताते चलें कि लाल किला हमले के मामले में 31 अक्टूबर 2005 को निचली अदालत ने आरिफ को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी.
लाल किले पर आतंकवादी संगठन लश्करे तैयबा ने 22 दिसंबर 2000 को आतंकवादी हमला हुआ था. उस हमले में दो सैनिकों समेत तीन लोग मारे गये थे. आर्मी की जवाबी कार्रवाई में लालकिला में घुसपैठ करने वाले दो आतंकवादी भी मारे गए थे.