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Gujarat: सूरत में ग्रीष्मा हत्याकांड पर फैसला कल, 2000 पन्नों की चार्जशीट में दर्ज किए गए थे 190 गवाहों के बयान

सूरत के कामरेज इलाके में 12 फरवरी को ग्रीष्मा वेकरिया की सरेराह आरोपी फेनिल गोयाणी ने हत्या कर दी थी. पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के चार दिन बाद ही कोर्ट में 2000 पन्नों क चार्जशीट दायर कर दी थी.

चाकू से कई बार वार कर ग्रीष्मा की कर दी थी हत्या (फाइल फोटो) चाकू से कई बार वार कर ग्रीष्मा की कर दी थी हत्या (फाइल फोटो)
संजय सिंह राठौर
  • सूरत,
  • 15 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 8:59 PM IST
  • 12 फरवरी को चाकू से गोदकर कर दी थी हत्या
  • 7 अप्रैल को मामले में पूरी हो गई थी सुनवाई

सूरत के कामरेज इलाके में एकतरफा प्यार में 12 फरवरी को हुई ग्रीष्मा वेकरिया (Grishma vekaria) की हत्या के मामले में सूरत की कोर्ट 16 अप्रैल को अपना फैसला सुनाएगी. बहुचर्चित ग्रीष्मा हत्याकांड को गम्भीरता से लेते हुए गुजरात सरकार ने मामले को तेजी से चलाने के लिए आदेश जारी किया था, जिसके बाद से 28 फरवरी से सूरत की कोर्ट में इसकी हर दिन सुनवाई हो रही थी.

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7 अप्रैल को पूरी हो गई थी सुनवाई

सूरत कोर्ट में 7 अप्रैल को इस हत्याकांड पर सुनवाई पूरी हो गई थी. सुनवाई के बाद कोर्ट ने 16 अप्रैल को आरोपी फेनिल गोयाणी को सजा सुनाने का ऐलान किया था. मालूम हो कि पुलिस ने इस मामले में आरोपी फैनिल की गिरफ्तारी के 4 दिन बाद ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी. फेनिल  ग्रीष्मा के साथ ही पढ़ता था.

43 दिन पहले दोस्त को बताई थी हत्या करने की बात

सूरत के मुख्य सरकारी वकील नयन भाई ने बताया कि हत्यारोपित फेनिल गोयाणी ने दिसंबर से इंटरनेट पर AK-47 सर्च किया, हत्या से पहले वेब सीरीज देखी और ऑनलाइन शॉपिंग प्लैटफॉर्म से चाकू मंगाने और सूरत के अमरोली के एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स से चाकू खरीदने के भी सबूत पेश किए गए हैं. इतना ही नहीं फेनिल ने ग्रीष्मा वेकरिया की हत्या करने की बात 31 दिसंबर 2021 को अपने दोस्त कृष्णा को इंस्टाग्राम पर कही थी. सभी सबूतों से पता चलता है कि आरोपी ने ग्रीष्मा की हत्या की पूर्व योजना बना ली थी. 
  
SIT में शामिल किए गए थे 50 पुलिसकर्मी

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सूरत पुलिस ने इस हत्याकांड में 2500 पेज की चार्जशीट तैयार की थी. इसमें 190 गवाहों के बयान लिए गए थे. पुलिस ने दावा किया था कि जांच के दौरान उसने किसी भी गवाह या प्रत्यक्षदर्शी को थाने नहीं बुलाया था, बल्कि उनके घर जाकर बयान दर्ज किए थे. मामले की जांच के लिए एक SIT गठित की गई थी, जिसमें 50 पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया था.  


 

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