
जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले में 37 जवान शहीद हो गए. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. कश्मीर में आतंक फैलाने वाला सिर्फ यहीं बल्कि 36 से ज्यादा संगठन हैं जो कश्मीर में दहशतगर्दी फैला रहे हैं. जिनमें से कई अपनी गतिविधियां किसी न किसी रूप में चला रहे हैं और कई पर सरकार ने प्रतिबंध लगा हुआ है.
जानकारी के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, अल बदर, जमात उल मुजाहिदीन, हरकत-उल-अंसार, लश्कर-ए-उमर, हरकत उल मुजाहिद्दीन, लश्कर-ए-जब्बार, हरकत उल जेहाद-ए-इस्लामी कश्मीर में जैसे 10 बड़े संगठन हैं जो घाटी में दहशतगर्दी फैलाने के लिए कुख्यात हैं.
इन 10 प्रमुख संगठनों के अलावा घाटी में अल बर्क, तहरीक-उल-मुजाहिदीन, अल जेहाद, जम्मू-कश्मीर नेशनल लिबरेशन आर्मी, पीपुल्स लीग, मुस्लिम जांबाज फोर्स, कश्मीर जेहाद फोर्स, अल जेहाद फोर्स, अल उमर मुजाहिदीन, महाज-ए-आजादी, इस्लामी जमात-ए-तुलबा, जम्मू कश्मीर स्टूडेंटस लिबरेशन फ्रंट, इख्वान-उल-मुजाहिदीन, इस्लामिक स्टूडेंटस लीग, तहरीक-ए-जेहाद-ए-इस्लामी, मुस्लिम मुजाहिदीन, अल मुजाहिद फोर्स, तहरीक-ए-जेहाद, इस्लामी इंकलाबी महाज जैसे संगठन भी काम कर रहे हैं.
इसके अलावा इनमें मुत्ताहिदा जेहाद काउंसिल, जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट, ऑल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस और दुख्तरन-ए-मिल्लत जैसे अलगाववादी संगठन भी शामिल हैं.
लश्कर ए तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हरकत उल मुजाहिद्दीन, हरकत-उल-अंसार, हरकत-उल-जेहाद-ए-इस्लामी, हिजबुल मुजाहिदीन, अल उमर मुजाहिदीन, जम्मू-कश्मीर इस्लामिक फ्रंट, स्टूडेंटस इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर प्रतिबंध लगा हुआ है. प्रतिबंधित संगठनों की सूची में दीनदार अंजुमन, अल बदर, जमात उल मुजाहिदीन, अल कायदा, दुख्तरन-ए-मिल्लत और इंडियन मुजाहिदीन के नाम भी शामिल हैं.
पुलवामा अटैक का मास्टरमांइड जैश-ए-मोहम्मद
जैश-ए-मोहम्मद एक पाकिस्तानी जिहादी संगठन है, जिसका एकमात्र उद्देश्य भारत से कश्मीर को अलग करना है. इसकी स्थापना मसूद अजहर नामक पाकिस्तानी पंजाबी नेता ने मार्च 2000 में की थी. इसे भारत में हुए कई आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है और जनवरी 2002 में इसे पाकिस्तान की सरकार ने भी प्रतिबंधित कर दिया था. साल 2003 में जैश के बंटवारे की खबर आई थी, जिसके मुताबिक आतंकी संगठन दो भाग- खुद्दाम-उल-इस्लाम और जमात-उल-फुरकान में बंट गया. उसी साल जमात-उल-फुरकान के चीफ अब्दुल जब्बार ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुर्शरफ की हत्या की कोशिश की, जिसमें वह गिरफ्तार हो गया. इसके बाद पाकिस्तान ने नवंबर 2003 में दोनों संगठनों, खुद्दाम-उल-इस्लाम और जमात-उल-फुरकान को भी बैन कर दिया था.