
शादी समारोह या फिर किसी सार्वजनिक आयोजनों में किसी लड़की के साथ जोर जबरदस्ती नाचना अब महंगा पड़ सकता है. महिलाओं के साथ बदसलूकी या जोर जबरदस्ती को लेकर कड़े कानूनी प्रावधानों ने अब अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की जिला अदालत ने ऐसे ही मामले में आरोपी को एक साल कैद की सजा सुनाई है.
जानकारी के मुताबिक, यह मामला 5 फरवरी 2015 का है. इस दिन मुंडा गांव में पंचायत चुनाव का परिणाम सामने आया था. चुनाव में धर्मेंद्र बाई सरपंच के पद पर निर्वाचित हुई थी. शाम को गांव में उसका विजय जुलुस निकला. इसमें बड़ी तादाद में ग्रामीण शामिल हुए. महिला प्रत्याशी के जीतने की खुशी में गांव की युवा लड़कियां भी शामिल हुई थी.
ढोल-नगाड़ों की थाप में विजय जुलूस में शामिल ग्रामीण नाच गा रहे थे. इसी दौरान दिनेश खांडे नामक नौजवान ने अचानक पीड़िता की कमर पकड़ ली. पीड़िता ने इसका विरोध किया. भीड़ में वो असहज महसूस करने लगी. आरोपी उसके साथ नाचने के लिए जोरजबरदस्ती करने लगा. उसने पीड़िता की कमर को और तेज से जकड़ लिया और नाचने लगा.
पीड़िता ने जैसे-तैसे उससे अपना पीछा छुड़ाया. थाने में उसकी शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने आरोपी दिनेश खांडे के खिलाफ छेड़छाड़ की धारा 354 और 448 के तहत मामला दर्ज कर लिया. पीड़िता की रिपोर्ट पर आरोपी की गिरफ्तारी करके कोर्ट में पेश किया गया. डेढ़ साल बाद अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए एक साल की सजा सुनाई और जुर्माना लगाया है.