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बसपा सांसद नरेंद्र कश्यप की पुत्रवधु हिमांशी की संदिग्ध मौत का मामला उलझता जा रहा है. सांसद के बड़े बेटे डॉ. सागर कश्यप की पत्नी हिमानी की गोली लगी लाश उनके घर के बाथरूम मिली लेकिन किसी को गोली चलने की आवाज़ सुनाई नहीं दी.
गाजियाबाद पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद जो जानकारी दी है, उससे मामला और भी ज्यादा उलझता दिख रहा है. पुलिस का कहना है कि सांसद के बड़े बेटे डॉ. सागर कश्यप और हिमांशी की शादी 2013 में हुई थी. अब उनका 18 माह का एक बच्चा भी है.
पुलिस के मुताबिक वारदात की सुबह यानी बुधवार को सुबह साढ़े सात बजे डॉ. सागर कश्यप घर से सुभारती मेडिकल कॉलेज जाने के लिए निकल गए थे. वह वहां से माइक्रो बॉयोलॉजी में एमडी कर रहे हैं. सुभारती कॉलेज मेरठ बाईपास पर स्थित है.
पुलिस ने बताया कि डॉ. सागर के चले जाने के बाद घर में 6 लोग मौजूद थे. जिनमें खुद सांसद नरेंद्र कश्यप, उनकी पत्नी और उनकी छोटी बेटी शोभा के अलावा तीन रिश्तेदार मोनू, आशीष और सचिन मौजूद थे.
परिजनों का दावा है कि वे सभी घर के ग्राउंड फ्लोर पर थे जबकि हिमांशी फर्स्ट फ्लोर पर अपने बेडरूम में थी. उसके कमरे के दरवाजा खुला हुआ था लेकिन बाथरूम अंदर से बंद था. सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे सचिन हिमांशी को देखने के लिए कमरे में गया लेकिन उसने बाथरूम का दरवाजा नहीं खोला.
उसके बाद मोनू वहां आया लेकिन तब भी हिमानी ने कोई जवाब नहीं दिया. तभी दूसरा रिश्देदार भी वहां पहुंच गया. तब मोनू ने जोर से लात मारकर दरवाजा तोड़ दिया. बाथरूम में पेट के बल हिमांशी की खून से लथपथ लाश पड़ी हुई थी.
परिवार वालों का दावा है कि उन्होंने कोई शोर या गन चलने की आवाज़ नहीं सुनी. वे घबरा गए और सीधे हिमानी को लेकर एक प्राइवेट अस्पताल पहुंच गए. पुलिस का कहना है कि वहीं के डॉक्टरों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी.
पुलिस ने बताया कि हिमांशी के माता-पिता भी कल गाजियाबाद में ही थे. वे कश्यप जयंती के लिए यहां आए हुए थे. कल यानी मंगलवार की रात करीब नौ बजे वे वहां से निकले थे.
घटना की जानकारी मिलने के बाद करीब दोपहर एक बजे पुलिस सांसद के घर पहुंची. पुलिस ने देखा कि पूरे बाथरूम में खून तो देखा लेकिन रिवाल्वर एक रैक पर रखी हुई थी. इसे एक रिश्तेदार ने पुलिस के हवाले किया. यह एक लाइसेंसी रिवाल्वर थी, जिसका लाइसेंस हिमांशी के पति डॉ. सागर कश्यप के नाम पर है. यह ऑर्डिनेंस में बनी 32 बोर की लाइसेंसी रिवाल्वर है.
जांच के दौरान बाथरूम या कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला. हैरान करने वाली बात यही है कि हिमांशी की मौत सिर में गोली लगने से हुई लेकिन घर में मौजूद किसी भी शख्स से गोली चलने की आवाज़ नहीं सुनी. हिमांशी के पिता भी अस्पताल पहुंच गए हैं. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.