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तीस हजारी हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश, 6 सप्ताह में देनी होगी रिपोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने तीस हजारी हिंसा मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. यह न्यायिक जांच रिटायर जस्टिस एसपी गर्ग के नेतृत्व में की जाएगी.

फाइल फोटो फाइल फोटो
अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 03 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 6:24 PM IST

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने 6 हफ्ते में जांच पूरी करने का दिया आदेश
  • जांच में IB, CBI और विजिलेंस के डायरेक्टर करेंगे मदद
  • आरोपी पुलिस अधिकारियों को फौरन निलंबित करने का आदेश
  • कोर्ट ने कहा- दिल्ली सरकार घायल वकीलों को मुआवजा दे

दिल्ली हाईकोर्ट ने तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. यह न्यायिक जांच रिटायर जस्टिस एसपी गर्ग के नेतृत्व में की जाएगी. इस जांच में सीबीआई के डायरेक्टर, आईबी के डायरेक्टर, विजिलेंस डायरेक्टर या सीनियर अधिकारी मदद करेंगे.

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हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को भी आदेश दिया कि घायल वकीलों के बयान दर्ज किए जाएं. साथ ही आरोपी पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया जाए और मामले की आंतरिक जांच के लिए स्वतंत्र कमीशन गठित किया जाए. इस कमीशन को भी 6 सप्ताह में जांच पूरी करनी होगी और अदालत को रिपोर्ट देनी होगी. कोर्ट ने स्पेशल सीपी संजय सिंह और अतिरिक्त डीसीपी हरिंदर सिंह को जांच पूरी होने तक स्थानांतरित करने के आदेश भी दिए हैं.

घायल वकीलों को बेहतरीन इलाज मुहैया कराने का आदेश

इसके अलावा हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा कि वह घायल वकीलों का एम्स में इलाज कराया जाए. साथ ही घायल वकील विजय वर्मा को 50 हजार रुपये और दो अन्य वकीलों को क्रमशः 15 हजार और 10 हजार रुपये मुआवजा दे. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच 6 सप्ताह में पूरी की जाए.

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इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने तीस हजारी कोर्ट में हिंसक झड़प मामले को संज्ञान लिया और पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा. इस पर दिल्ली पुलिस ने अपने जवाब में सफाई देते हुए हाईकोर्ट को बताया कि तीस हजारी हिंसा मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है. साथ ही मामले की जांच क्राइम  ब्रांच की एसआईटी को ट्रांसफर कर दी गई है.

पुलिस ने हाईकोर्ट को यह भी बताया कि वकील को लॉकअप में बंद करने वाले असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है. हालांकि हाईकोर्ट दिल्ली पुलिस की दलीलों से संतुष्ट नहीं हुआ.

DHCBA ने की थी न्यायिक जांच कराने की मांग

वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि वकीलों के चैम्बरों में हमला किया गया और तोड़फोड़ की गई. हम दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में मामले की जांच की मांग करते हैं. साथ ही मामले में संदिग्ध पुलिस अधिकारियों को फौरन निलंबित करने की मांग करते हैं.

वहीं, इस घटना के बाद की स्थिति पर चर्चा करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की थी. शनिवार रात हुई बैठक में दिल्ली हाईकोर्ट के कुछ न्यायाधीश भी मौजूद रहे.

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घायल वकील से हॉस्पिटल में जाकर मिले वरिष्ठ न्यायमूर्ति

इसके अलावा दिल्ली हाईकोर्ट के तीन वरिष्ठ न्यायमूर्तियों ने गोली लगने से घायल हुए वकील विजय वर्मा से सेंट स्टीफंस हॉस्पिटल में मुलाकात की. इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी घायल वकीलों से मुलाकात की. घटना पर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, ‘वकीलों पर हमला चिंता का विषय है. मुझे लगता है कि वकीलों पर हमला लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है. इस घटना की उचित जांच होनी चाहिए.’

आपको बता दें कि दिल्ली की तीस हजारी अदालत में शनिवार को पुलिस और वकीलों के बीच हुई खूनी लड़ाई में 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी और एक एडिशनल डीसीपी, दो एसएचओ के अलावा 8 वकील जख्मी हो गए थे. इस हिंसक झड़प के दौरान पुलिस ने फायरिंग की थी और एक वकील को गोली लगी थी.

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