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मुंबई के नालासोपारा से विस्फोटक मिलने और विस्फोट करने की कथित साजिश रचने के मामले में एटीएस ने शनिवार को जलगांव से दो और लोगों को गिरफ्तार किया है. रविवार को मुंबई कोर्ट ने दोनों को 17 सितंबर तक एटीएस की कस्टडी में भेज दिया है.
इससे पहले पांच आरोपियों को एटीएस ने गिरफ्तार किया था. उनमें से एक आरोपी कलसकर को दाभोलकर हत्याकांड की जांच के सिलसिले में सीबीआई को सौंपा जा चुका है.
एटीएस के एक अधिकारी ने बताया कि पूर्व में गिरफ्तार किए गए आरोपियों से की गई पूछताछ के बाद एटीएस ने शुक्रवार को उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव जिले के सकरी से वासुदेव सूर्यवंशी (29) और विजय उर्फ भैया लोधी (32) को गिरफ्तार किया.
बता दें कि मुंबई में कुछ दिनों पहले एटीएस की छापेमारी में सनातन संस्था के नेता वैभव राउत के घर देसी बम मिले थे. जिसके बाद इस मामले की परतें खुलती गईं. एटीएस इस मामले में आगे की जांच विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत करेगी.
19 अगस्त को केस में एटीएस ने 40 वर्षीय श्रीकांत पंगारकर को जालना से गिरफ्तार किया. जिसके बाद कर्नाटक एसआईटी के सूत्रों ने बताया था कि ये वही व्यक्ति है जो नरेंद्र दोभालकर, गोविंद पंसारे, कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्याओं में शामिल था.
इस गिरफ्तारी को एटीएस के लिए एक बड़ी सफलता बताया जा रहा है, क्योंकि अब इस मामले के और भी गहरे राज खुल सकते हैं. देसी बम मामले में पुलिस ने इससे पहले वैभव राउत, शरद कलसकर और सुधान्वा को गिरफ्तार किया था.
एटीएस ने हाल ही में सचिन अंधूरे को भी गिरफ्तार किया था, जिसे बाद में सीबीआई को सौंप दिया गया था. क्योंकि उसका भी नाम नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में आया था. अब इस मामले में कर्नाटक एसआईटी और महाराष्ट्र एटीएस मिलकर काम कर रहे हैं.