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उन्नाव: सेंगर पर नया केस, पीड़िता के पिता को फंसाने का आरोप

CBI ने सेंगर के खिलाफ पीड़िता के पिता को आर्म्स ऐक्ट में फंसाने की साजिश रचने के आरोप में एक और केस दर्ज किया है.

आरोपी विधायक के खिलाफ एक और केस दर्ज आरोपी विधायक के खिलाफ एक और केस दर्ज
आशुतोष कुमार मौर्य
  • उन्नाव,
  • 20 मई 2018,
  • अपडेटेड 8:46 AM IST

गैंगरेप के आरोप में जेल में बंद चल रहे उन्नाव के बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की मुसीबतें और बढ़ती लग रही हैं. सीबीआई ने सेंगर के खिलाफ पीड़िता के पिता को आर्म्स एक्ट में फंसाने की साजिश रचने के आरोप में एक और केस दर्ज किया है.

कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सेंगर और उनके पांच गुर्गों पर पीड़िता के पिता की पीट-पीटकर हत्या का केस पहले से ही चल रहा है. पीड़िता के पिता की हत्या के आरोप में अतुल सेंगर और उसके साथी भी जेल में बंद हैं.

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पीड़िता के पिता की 9 अप्रैल को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. 'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट में CBI के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि शिकायतकर्ता और पुलिस थाने में तैनात पुलिसकर्मियों के कॉल रिकॉर्ड्स से पता चलता है कि जिस दिन केस दर्ज हुआ यानी 3 अप्रैल को थाने में तैनात पुलिसकर्मी कुलदीप सेंगर के संपर्क में थे.

सीबीआई के अधिकारी ने बताया कि आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर को सीबीआई की अदालत ने शनिवार को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. इसके अलावा दो आरोपी पुलिसकर्मियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.

तत्कालीन SP पर भी गिर सकती है गाज

दोनों पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद अब तत्कालीन SP पुष्पांजली देवी समेत कई दूसरे लोगों पर भी गाज गिर सकती है. इस मामले में सीबीआई उन्नाव की तत्कालीन एसपी पुष्पांजलि देवी सहित अन्य लोगों की भूमिका की पड़ताल भी कर रही है.

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माखी पुलिस थाने के SO अशोक सिंह और SI कामता प्रसाद को गुरूवार को सीबीआई की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट विनीता सिंह की कोर्ट में पेश किया गया था. जहां से उन दोनों को तीन दिन की सीबीआई कस्टडी में भेज दिया गया था. दोनों पुलिस अधिकारियों पर पीड़िता के पिता के खिलाफ आर्म्स एक्ट में केस दर्ज करने और सरकारी रिकॉर्ड्स के साथ छेड़छाड़ का आरोप है.

पुलिस हिरासत में पीड़िता के पिता की बेरहमी से पिटाई

पीड़ित परिवार जब पीड़िता के पिता के साथ हुई मारपीट का शिकायत करने माखी पुलिस थाने पहुंचा तो उल्टे पुलिस अधिकारियों ने पीड़िता के पिता के खिलाफ ही आईपीसी की धाराओं 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने) 504 (शांति का उल्लंघन करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत केस दर्ज कर लिया और गिरफ्तार कर लिया.

इतना ही नहीं पीड़िता के पिता को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भी भेज दिया गया. इसी के बाद पुलिस ने हिरासत में पीड़िता के पिता की क्रूरता से पिटाई की थी. पिटाई से जब पीड़िता के पिता को खून की उल्टियां होनी शुरू हो गईं तो उन्हें जेल से अस्पताल ले जाना पड़ा.

अस्पताल में भी पीड़िता के पिता के साथ बहुत बुरा बर्ताव किया गया था. अस्पताल में कुछ ही घंटों के बाद उनकी मौत हो गई थी. अस्पताल में पीड़िता के पिता के साथ हुई बदसलूकी का एक वीडियो भी वायरल हुआ था.

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पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता के पिता सदमे और सेप्टिसिमीया के कारण मर गए थे. यह भी कहा गया है कि निचली आंत में चोट के कारण और समय पर उचित उपचार की कमी के कारण उनकी मौत हुई थी.

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