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उन्नाव गैंगरेप केस में आज आरोपी BJP विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को POCSO कोर्ट में पेश किया जाएगा. हालांकि विधायक की पेशी सीतापुर जेल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी. आरोपी कुलदीप सेंगर की इससे पहले भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हो चुकी है. जानकारी के मुताबिक, सुरक्षा कारणों से विधायक की पेशी वीडियो कॉफ्रेसिंग के जरिए होती है.
इस बीच पीड़िता और उसके चाचा ने आरोपी विधायक के लिए मौत की सजा की मांग की है. मीडिया में आरोपी विधायक के खिलाफ सीबीआई को अहम सबूत मिलने की खबर आने के बाद पीड़िता और उसके चाचा ने अपने-अपने बयान में कहा कि उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षा चाहिए, ताकि वे कोर्ट में बिना डरे अपना बयान दे सकें.
वहीं मामले की जांच कर रही CBI ने एक स्टेटमेंट जारी कर कहा है कि मामले की जांच अभी चल रही है और सीबीआई ने केस के अपडेट्स या किसी अहम सबूत मिलने की बात किसी निष्कर्ष पर पहुंचने की बात मीडिया से शेयर नहीं की है. मीडिया में इस केस से जुड़ी खबरों पर सीबीआई ने कहा कि वे सब अनुमान आधारित हैं.
बता दें कि पीड़िता ने 16 अप्रैल को सीबीआई की स्पेशल जुडीशियल मजिस्ट्रेट सपना त्रिपाठी के समक्ष सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज करवाया था. पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने भी अपने आरोपों को दोहराते हुए कहा कि 4 जून, 2017 को शशि उसे विधायक कुलदीप सेंगर के पास ले गई थी, जहां सेंगर ने उसके साथ रेप किया. इस दौरान शशि सिंह दरवाजे पर पहरा देती रही.
सीआरपीसी के तहत दर्ज पीड़िता के इस बयान को भी अब इस केस में अहम सबूत माना जाएगा और अब पीड़िता अपना बयान नहीं बदल सकती. और यदि पीड़िता अपना बयान बदलती है तो उस पर झूठी गवाही देने का केस चल सकता है.
उन्नाव से सीतापुर जेल शिफ्ट किए गए सेंगर
बीते मंगलवार को आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर को उन्नाव से सीतापुर जेल शिफ्ट कर दिया गया. इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर सेंगर को सीतापुर जेल शिफ्ट किया गया. दरअसल पीड़िता ने हाईकोर्ट में अपील की थी कि आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से उसकी और उसके परिवार को खतरा है. वह उन्नाव में रहकर इस केस को भी प्रभावित कर सकता है. ऐसे में उसे उन्नाव जेल से यूपी के बाहर शिफ्ट किया जाए. आरोप है कि कुछ जेल अधिकारी भी कुलदीप सिंह सेंगर के रिश्तेदार हैं.
आरोपी विधायक का भाई भी जेल में बंद
पीड़िता के पिता की पीट-पीटकर हत्या के आरोप में कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सेंगर सहित 5 आरोपी पहले से ही जेल में हैं. इसके अलावा घटना वाले दिन पीड़िता को आरोपी विधायक के पास ले जाने वाली कुलदीप सेंगर की नजदीकी सहयोगी शशि सिंह को भी जेल भेज दिया गया है.
पुलिस पर सीबीआई को फर्जी शिकायत सौंपने का आरोप
पीड़िता के परिवार ने शुरू में मामले की जांच कर रही स्थानीय पुलिस पर उनकी शिकायत बदलने का आरोप लगाया था. उनका कहना है कि जब केस सीबीआई के हवाले किया गया तो पुलिस ने उनकी शिकायत को फर्जी तरीके से बदलकर सीबीआई के अधिकारियों को सौंपा ताकि आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का पक्ष मजबूत हो सके.
आरोपी विधायक को बचाने की कोशिश
पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस ने फर्जी तरीके से उनकी शिकायत को बदला है. पीडित परिवार के मुताबिक बदली हुई तहरीर में पीडित परिवार की तरफ से फर्जी अंगूठा और दस्तखत भी किए गए हैं. आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बचाने के लिये पीडिता की तहरीर को बदल कर पूरे मामले को बदलने की कोशिश की गई है.
विधायक पर गैंगरेप-हत्या का आरोप
गैंगरेप पीड़िता का आरोप है कि उसके साथ 4 जून 2017 को बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर और उनके साथियों ने गैंगरेप किया था. उसने बीजेपी विधायक से रेप का विरोध किया, तो उसने परिवार वालों को मारने की धमकी दी. जब वो थाने में गई तो एफआईआर नहीं लिखी गई. इसके बाद तहरीर बदल दी गई. वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने लखनऊ गई.
पिता को बर्बरता से पीटने का आरोप
पीड़िता ने कहा, 'मुख्यमंत्री से आरोपी विधायक की शिकायत की थी. उन्होंने इंसाफ का भरोसा दिलाया था, लेकिन एक साल हो गया. अब तक कुछ नहीं हुआ. दिल्ली से उसके पिता गांव आए, तो विधायक के लोगों ने उनको बहुत मारा. उनको घसीटकर ले गए . पीटने के बाद उन्हें अपने घर के बाहर फेंक दिया. इसके बाद उन्हें जेल में बंद कर दिया गया, जहां उनकी मौत हो गई है.'