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उन्नाव: सेंगर पर बढ़ेगा कानूनी शिकंजा, पीड़िता के पिता को फंसाने में संलिप्तता के सबूत

सीबीआई की जांच में सामने आया है कि जिस दिन कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सेंगर ने पीड़िता के पिता की बेरहमी से पिटाई की, उस दिन कुलदीप सेंगर दिल्ली में थे और दिल्ली से ही उन्होंने माखी थाने के SO को दर्जनों फोन किए थे.

सेंगर के खिलाफ एक और केस दर्ज सेंगर के खिलाफ एक और केस दर्ज

एक नाबालिग लड़की से गैंगरेप के आरोप में जेल में बंद चल रहे उन्नाव के BJP विधायक कुलदीप सेंगर पर कानून का शिकंजा कसता नजर आ रहा है. पीड़िता के पिता को आर्म्स ऐक्ट के झूठे केस में फंसाने में सेंगर की संलिप्तता के सबूत मिले हैं.

सीबीआई की जांच में सामने आया है कि जिस दिन कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सेंगर ने पीड़िता के पिता की बेरहमी से पिटाई की, उस दिन कुलदीप सेंगर दिल्ली में थे और दिल्ली से ही उन्होंने माखी थाने के SO को दर्जनों फोन किए थे.

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माखी थाने के तत्कालीन SO कामता प्रसाद सिंह के कॉल रिकॉर्ड्स से भी इस बात की पुष्टि हुई है कि उस दिन कुलदीप सेंगर ने उन्हें हर आधे घंटे पर दर्जनों कॉल किए थे. कुलदीप सेंगर के खिलाफ इस संबंध में CBI ने एक केस और दर्ज कर लिया है.

सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई अब सेंगर और तत्कालीन SO कामता प्रसाद सिंह को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ कर सकती है. पीड़िता की शिकायत पर कार्रवाई न करने और पीड़िता के पिता को झूठे केस में फंसाने को लेकर तत्कालीन थानेदार कामता प्रसाद और एक SI अशोक सिंह भदौरिया को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

तत्कालीन SP पर भी गिर सकती है गाज

दोनों पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद अब तत्कालीन SP पुष्पांजली देवी समेत कई दूसरे लोगों पर भी गाज गिर सकती है. इस मामले में सीबीआई उन्नाव की तत्कालीन एसपी पुष्पांजलि देवी सहित अन्य लोगों की भूमिका की पड़ताल भी कर रही है.

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माखी पुलिस थाने के SO कामता प्रसाद और SI अशोक सिंह को गुरूवार को सीबीआई की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट विनीता सिंह की कोर्ट में पेश किया गया था. जहां से उन दोनों को तीन दिन की सीबीआई कस्टडी में भेज दिया गया था. दोनों पुलिस अधिकारियों पर पीड़िता के पिता के खिलाफ आर्म्स एक्ट में केस दर्ज करने और सरकारी रिकॉर्ड्स के साथ छेड़छाड़ का आरोप है.

पुलिस हिरासत में पीड़िता के पिता की बेरहमी से पिटाई

पीड़ित परिवार जब पीड़िता के पिता के साथ हुई मारपीट का शिकायत करने माखी पुलिस थाने पहुंचा तो उल्टे पुलिस अधिकारियों ने पीड़िता के पिता के खिलाफ ही आईपीसी की धाराओं 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने) 504 (शांति का उल्लंघन करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत केस दर्ज कर लिया और गिरफ्तार कर लिया.

इतना ही नहीं पीड़िता के पिता को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भी भेज दिया गया. इसी के बाद पुलिस ने हिरासत में पीड़िता के पिता की क्रूरता से पिटाई की थी. पिटाई से जब पीड़िता के पिता को खून की उल्टियां होनी शुरू हो गईं तो उन्हें जेल से अस्पताल ले जाना पड़ा.

अस्पताल में भी पीड़िता के पिता के साथ बहुत बुरा बर्ताव किया गया था. अस्पताल में कुछ ही घंटों के बाद उनकी मौत हो गई थी. अस्पताल में पीड़िता के पिता के साथ हुई बदसलूकी का एक वीडियो भी वायरल हुआ था.

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पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता के पिता सदमे और सेप्टिसिमीया के कारण मर गए थे. यह भी कहा गया है कि निचली आंत में चोट के कारण और समय पर उचित उपचार की कमी के कारण उनकी मौत हुई थी.

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