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उन्नाव की 'निर्भया' को 16 दिसंबर को मिला इंसाफ, दोषी पाया गया कुलदीप सेंगर

उन्नाव की 'निर्भया' को इंसाफ मिल गया है. बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने दोषी करार दिया है. अब 19 दिसंबर को सजा पर बहस होगी. 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में निर्भया गैंगरेप केस हुआ था, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था.

विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (फाइल फोटो) विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (फाइल फोटो)
aajtak.in/पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 16 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 4:18 PM IST

  • अपहरण और रेप केस में कुलदीप सेंगर दोषी करार
  • 2017 में किया गया था रेप, 2018 में हुई थी गिरफ्तारी

उन्नाव की 'निर्भया' को इंसाफ मिल गया है. बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने दोषी करार दिया है. अब 19 दिसंबर को सजा पर बहस होगी. बता दें, 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में निर्भया गैंगरेप केस हुआ था, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. उन्नाव रेप केस की भी तुलना निर्भया से हो रही थी और आरोपी विधायक के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक बड़ा आंदोलन चला था.

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तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सेंगर को धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए एक महिला का अपहरण या उत्पीड़न), 376 (बलात्कार और अन्य संबंधित धाराओं) और POCSO के तहत दोषी ठहराया है. हालांकि, सह आरोपी शशि सिंह को पुलिस ने बरी कर दिया. इस दौरान शशि बेहोश होकर गिर पड़ी.

2017 में रेप, 2018 में हुई थी सेंगर की गिरफ्तारी

उन्नाव रेप केस की पीड़िता ने जून 2017 में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप लगाया था. उसका कहना था कि कुलदीप सेंगर ने जून 2017 में अपहरण किया और उसका रेप किया. इस दौरान वह नाबालिग (17 साल) थी. इसके बाद लड़की की शिकायत पुलिस नहीं दर्ज कर रही थी. लड़की ने जब खुद को आग लगा लेने की धमकी दी तो पुलिस ने केस दर्ज किया और फिर अप्रैल 2018 में कुलदीप सेंगर को गिरफ्तार किया गया.

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हादसे का शिकार हुई थी पीड़िता की कार

इस साल 28 जुलाई को पीड़िता, अपनी चाची और मौसी और वकील के साथ इलाहाबाद हाई कोर्ट जा रही थी. रायबरेली में उसकी कार का एक्सीडेंट हो गया. इस हादसे में चाची और मौसी की मौत हो गई थी. जबकि लड़की और वकील गंभीर रूप से घायल हुए थे. लड़की ने एक्सीडेंट के पीछे कुलदीप सिंह सेंगर का ही हाथ बताया था. इस मामले में तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को पीड़िता ने खत लिखा.

लखनऊ से दिल्ली शिफ्ट किए गए थे सारे केस

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने रेप समेत पांचों केस को लखनऊ की कोर्ट से दिल्ली की कोर्ट में शिफ्ट करने का आदेश दिया. 5 अगस्त को ये केस दिल्ली की कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया. इस केस में रोजाना सुनवाई चली. पिछले हफ्ते तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई.

सीबीआई ने दर्ज किए थे 5 एफआईआर

इस मामले में कुल 5 एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें से एक पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. बाकी में अभी भी सुनवाई इसी कोर्ट में चल रही है, जिसमें पीड़िता के पिता की कस्टडी में हुई मौत, सड़क दुर्घटना में उसके परिवार से मारे गई दो महिला,और पीड़िता के साथ किए गए गैंगरेप और उसके चाचा के खिलाफ कथित रूप से झूठा मामले दर्ज करने से जुड़े मामले शामिल है.

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