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उन्‍नाव गैंगरेप केस: गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी MLA का हाईवोल्टेज ड्रामा

उन्नाव गैंगरेप मामले में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके समर्थकों पर FIR दर्ज होगी. वहीं, इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश भी कर दी गई है. एक साथ तीन रिपोर्ट मिलने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर  गृह विभाग ने ये फैसला लिया है. 

आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर
रणविजय सिंह/कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 12 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 11:01 AM IST

उन्नाव गैंगरेप मामले में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके समर्थकों पर FIR दर्ज होगी. वहीं, इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश भी कर दी गई है. एक साथ तीन रिपोर्ट मिलने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर  गृह विभाग ने ये फैसला लिया है.  

गृह विभाग ने पीड़िता के पिता की मौत की जांच की सिफारिश भी सीबीआई से की है. इस मामले में उन्नाव जिला अस्पताल के 2 डॉक्टर सस्पेंड किए गए हैं. इसके अलावा जेल अस्पताल के भी तीन डॉक्टरों पर गाज गिरी है. इनपर पीड़िता के पिता के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप है. वहीं, सीओ सफीपुर कुंवर बहादुर सिंह भी लापरवाही के आरोप में सस्पेंड किए गए हैं.

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एसएसपी आवास के बाहर हुआ हाईवोल्टेज ड्रामा

इससे पहले बुधवार शाम को लखनऊ एसएसपी के आवास के बाहर हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर देर रात बेहद नाटकीय घटनाक्रम के तहत लखनऊ के एसएसपी के घर पहुंचे. खबरें आ रही थीं कि सेंगर यहां सरेंडर करेंगे, लेकिन हुआ कुछ और. विधायक एसएसपी के घर पहुंचे जरूर, लेकिन उन्होंने सरेंडर नहीं किया. उल्टा उन्होंने खुद को बेगुनाह बताते हुए कहा कि वे सिर्फ एसएसपी से मिलने आए थे. सरेंडर के सवाल पर उन्होंने कहा कि जैसा पार्टी हाईकमान आदेश देगा, वे उसका पालन करेंगे.

सेंगर ने कहा- मैं साजिश का शिकार

एसएसपी के घर के बाहर आज तक से खास बातचीत में सेंगर ने कहा कि, 'जांच रिपोर्ट में क्या है, मुझे नहीं मालूम. एसआइटी रिपोर्ट में क्या-क्या मामले आए हैं, इसका मुझे कुछ नहीं पता. यह कहा जा रहा है कि मैं भाग गया हूं, फरार हो गया हूं. इसलिए मैं यह दिखाना चाहता हूं कि मैं जनता का आदमी और जनता के बीच में हूं. इसीलिए मैं सामने आ रहा हूं.'

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विधायक ने कहा कि, 'मुझे रेप का आरोपी बनाया गया है. मैं ये सपने में भी नहीं सोच सकता. मेरे खिलाफ साजिश की गई है. मेरा मीडिया ट्रायल किया गया है. मैं साजिश का शिकार हुआ हूं. मैं चाहता था कि निष्पक्ष जांच हो. मैंने कभी किसी पर दबाव नहीं बनाया. अगर मैं दोषी हूं या मेरा भाई गुनहगार है तो सजा मिलेगी. कानून के तहत सबको सजा मिलनी चाहिए. मैंने कोई गलत काम नहीं किया है. मेरे खिलाफ दुष्प्रचार किया गया. जो लोग आज चैनलों पर बातें कर रहे हैं, उनका कृत्य किसी ने नहीं देखा.'

विधायक के खिलाफ नहीं मिले सबूत

इससे पहले लखनऊ रेंज के एडीजी राजीव कृष्ण ने उन्नाव से लौटकर अंतरिम रिपोर्ट डीजीपी को बुधवार शाम सौंप दी. ये रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दी जाएगी. सूत्रों के मुताबिक एसआईटी को जांच में आरोपी विधायक के खिलाफ गैंगरेप के पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं. हालांकि रिपोर्ट में एसआईटी ने माना कि भाजपा विधायक के चलते जांच प्रभावित हुई है. लिहाजा उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.

पुलिस को माना दोषी

एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि इस मामले की जांच कर रही पुलिस ने कई अनियमितताएं कीं. रिपोर्ट में पुलिस को दोषी ठहराते हुए कहा गया कि विधायक के भाई के पक्ष में एकतरफा जांच की गई. इसके अलावा पीड़िता और उसके परिवार के बयान में भी अंतर पाया गया है.

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