
उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में एक कलयुगी मां ने अपनी फूल सी मासूम बेटी समेत दो बच्चियों को जिंदा आग के हवाले कर दिया. महिला बच्ची की सौतेली मां बताई जा रही है. जिसने अपनी बेटी के साथ-साथ अपनी ननद की बेटी को भी मिटटी का तेल डालकर आग लगा दी. इस दौरान एक बच्ची की मौत हो गई जबकि दूसरी की हालत गंभीर बनी हुई है.
इससे पहले आग से बुरी तरह झुलसी दोनों बच्चियों को इलाज के लिए दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां 6 दिन बाद एक दो वर्षीय बच्ची की मौत हो गई, जबकि दूसरी बच्ची की हालत अभी गंभीर बनी हुई है. उसी मासूम बच्ची ने होश में आने पर बताया कि आग किसी और ने नहीं बल्कि उसकी अम्मी ने ही लगाई थी. इस खुलासे के बाद पीड़ित बच्ची के पिता और आरोपी महिला के पति ने पुलिस में मामला दर्ज कराया था.
मगर अब वह पुलिस से इंसाफ की गुहार लगाकर नाउम्मीद हो चुका है. पीड़ित बच्ची का पिता अब कोर्ट के चक्कर लगा रहा है. यह वारदात रामपुर के थाना भोट क्षेत्र के हसनपुर गांव की है. जिसमें 4 साल की मासूम बच्ची की जान बच तो गयी लेकिन अभी तक वह इस हादसे उबर नहीं पाई है. डर का आलम यह है कि उसकी आवाज़ भी ठीक से नहीं निकल रही है.
उसी ने सहमी हुई आवाज़ में बताया कि कैसे उसकी अम्मी ने ही उसके ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाई. इस दर्दनाक घटना के पीछे इस अभागे परिवार की कहानी है. पीड़ित बच्ची के पिता रहमत अली की पत्नी और इस मासूम की मां शबनम दो साल पहले मौत के आगोश में समा गई थी.
कुछ समय बाद अपनी मासूम बेटी को मां की ममता दिलाने के लिए रहमत अली ने दूसरी शादी रचा ली लेकिन उसकी दूसरी पत्नी सरताज जहां ने इस मासूम को सिर्फ और सिर्फ सौतेली मां की नज़र से ही देखा और मन में उसके खिलाफ नफरत ही पालती रही. नफरत की इसी आग में उसने मासूम बेटी और उसके साथ खेल रही अपनी ननद की दो वर्षीय बेटी को मिटटी का तेल डाल कर आग लगा दी .
सच्चाई सामने आने पर जब रहमत अली ने आरोपी पत्नी से इस बाबत सवाल किया तो वह उल्टा उसे ही धमकी देकर अपने मायके चली गई. अब रहमत अली अपनी पत्नी को उसके गुनाह की सजा दिलाने के लिए पुलिस से गुहार लगा रहा है. अधिकारियों के चक्कर काट रहा है. मगर उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई. उस उसने इंसाफ की आस में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.