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उन्नाव रेप कांडः CBI को जांच के लिए और 15 दिन की मोहलत, पीड़िता को मिली छुट्टी

उन्नाव रेप कांड की पीड़िता एक्सीडेंट में घायल हो गई थी. जिसे इलाज के लिए एम्स लाया गया था. हाल ही में उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई है. लेकिन फिलहाल वो अपने परिवार के साथ दिल्ली में ही रुकेगी.

CBI इस मामले की छानबीन कर रही है (फाइल फोटो) CBI इस मामले की छानबीन कर रही है (फाइल फोटो)
शिवेंद्र श्रीवास्तव/परवेज़ सागर
  • लखनऊ,
  • 25 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:16 PM IST

उन्नाव रेप कांड की पीड़िता के कार एक्सीडेंट से जुड़ी जांच निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी पूरी नहीं हो पाई है. एजेंसी के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने जांच पूरी करने के लिए एक बार फिर से सीबीआई को 15 दिन का समय दिया है. अब अगले 15 दिनों में सीबीआई को जांच पूरी करनी है.

उन्नाव रेप कांड की पीड़िता एक्सीडेंट में घायल हो गई थी. जिसे इलाज के लिए एम्स लाया गया था. हाल ही में उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई है. लेकिन फिलहाल वो अपने परिवार के साथ दिल्ली में ही रुकेगी.

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बता दें कि उन्नाव रेप कांड की पीड़िता का कार एक्सीडेंट रायबरेली में हुआ था. जिसमें उसकी चाची और मौसी की मौत हो गई थी. इस हादसे में पीड़िता और उसके अधिवक्ता गंभीर रूप से घायल हो गए थे. मामला सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में आने के बाद इस पूरे मामले की सुनवाई यूपी से दिल्ली ट्रांसफर कर दी गई थी.

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने इस मामले के चर्चा में आने के बाद संज्ञान लिया और सीबीआई को एक्सीडेंट की जांच एक सप्ताह में पूरी कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे. जबकि पीड़िता के दुष्कर्म से जुड़े सभी मामलों को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर करने का फरमान भी सुनाया था. उन मामलों की सुनवाई अब दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में चल रही है.

घायल पीड़िता और उसके वकील को एयरलिफ्ट कर केजीएमयू लखनऊ से एम्स दिल्ली लाया गया था. एक्सीडेंट मामले की जांच का एक सप्ताह पूरे होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को 15 दिन का समय और दिया था. लेकिन इसके बावजूद जांच अभी नहीं पूरी ना हो सकी.

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सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता के अधिवक्ता अभी भी गंभीर हालत में हैं, जिसके चलते उनके बयान दर्ज नहीं हो सके हैं. इस समस्या की दुहाई देते हुए सीबीआई ने कोर्ट से 15 दिन का और समय मांगा है. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को 15 दिन का समय और दे दिया है.

उधर, पीड़िता के स्वस्थ्य होने के बाद उसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स ने मंगलवार की रात डिस्चार्ज कर दिया. पीड़िता के परिजनों ने उन्नाव में जान के खतरे का हवाला दिया था. लिहाजा उनके लिए दिल्ली में रहने की व्यवस्था कराई गई है.

कोर्ट ने गवाह सुरक्षा दिशा निर्देशों के तहत उनके दिल्ली में ही रुकने के निर्देश दिए हैं. पीड़िता और उसका परिवार एक सप्ताह तक एम्स के जय प्रकाश नारायण ट्रामा सेंटर के हॉस्टल में रहेगा. बता दें कि इस मामले की सुनवाई अब 28 सितंबर को होनी है.

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