
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के गिरफ्तार महाप्रबंधक पीके गुप्ता के बेटे अभिनव गुप्ता को हिरासत में ले लिया गया है. अभिनव गुप्ता उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के कार्यालय में यूपीपीसीएल कर्मचारियों के भविष्य निधि घोटाला मामले में बयान दर्ज करवाने के लिए आया था. पूछताछ के बाद उसे हिरासत में ले लिया गया.
अभिनव गुप्ता ने किए अहम खुलासे
समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक अभिनव गुप्ता अपने पिता और एक अन्य अधिकारी के गिरफ्तार होने के बाद पिछले आठ दिनों से फरार चल रहा था. अब वह ईओडब्ल्यू की हिरासत में है. अभिनव से रातभर पूछताछ की गई और उसने कुछ अहम खुलासे किए हैं.
रियल इस्टेट के कारोबार से जुड़े अभिनव को ईपीएफ घोटाले में शामिल बताया जा रहा है. प्रथम दृष्ट्या अभिनव पर ब्रोकरेज फर्मों के साथ मध्यस्थता करने का आरोप लगाया गया है, जिसने एक निजी कंपनी डीएचएफएल के साथ पीएफ निवेश का सौदा हासिल किया था.
पांच सदस्यीय टीम का किया गठन
अभिनव को पकड़ने के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया था. एक ईओडब्ल्यू अधिकारी ने कहा, 'शक्ति भवन में कार्यालय से बरामद दस्तावेजों में उल्लेखित अधिकांश दलाली फर्मों को नदारद पाया गया है. इन सौदों में अभिनव की भूमिका संदिग्ध है, इसलिए उसे नोटिस दिया गया था.'
अभिनव ने एक निजी कंपनी डीएचएफएल में यूपीपीसीएल के कर्मचारियों के ईपीएफ पैसे का निवेश करने के लिए कथित तौर पर कमीशन लिया और अपने रियल एस्टेट कारोबार में भी निवेश किया. ऐसा कहा जा रहा है कि दिल्ली के कुछ व्यवसायियों ने भी अपराध में उसका सहयोग किया.