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बुलंदशहर हिंसा पर कार्रवाई, SSP समेत 3 पुलिस अफसरों का तबादला

बुलंदशहर के जिलाधिकारी के अनुसार सुबोध कुमार के सिर में गोली लगी थी जिस कारण उनकी मौत हुई है. उन्होंने यह भी बताया है कि हमले के बाद जब सुबोध कुमार ने खेत की तरफ जाकर खुद को बचाने की कोशिश की तो भीड़ ने उन पर वहां भी हमला किया.

बुलंदशहर में हिंसा (PTI) बुलंदशहर में हिंसा (PTI)
वरुण शैलेश
  • लखनऊ,
  • 08 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 12:25 PM IST

बुलंदशहर हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एसएसपी कृष्ण बहादुर सिंह समेत 3 पुलिस अफसरों का तबादला कर दिया है. एसएसपी कृष्ण बहादुर सिंह का तबादला करके लखनऊ स्थित पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से संबद्ध किया गया है. उनकी जगह सीतापुर के एसपी प्रभाकर चौधरी को बुलंदशहर का नया एसएसपी बनाया गया है.

इसके अलावा स्याना के सीओ सत्य प्रकाश और चिंगरावठी के चौकी इंचार्ज सुरेश कुमार का ट्रांसफर किया गया है. सत्य प्रकाश को पीटीसी मुरादाबाद, जबकि सुरेश कुमार को ललितपुर भेजा गया है. सर्किल ऑफिसर (सीओ) सत्या प्रकाश शर्मा और चिंगरावठी पुलिस चौकी के प्रभारी सुरेश कुमार का क्षेत्र में बिगड़ी स्थिति में संभालने में नाकाम रहने के लिए तबादल कर दिया गया है.

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बता दें कि 3 दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना थाना क्षेत्र के एक खेत में गोकशी की आशंका के बाद बवाल शुरू हुआ. जिसकी शिकायत मिलने पर सुबोध कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे. इस मामले में एफआईआर दर्ज की जा रही थी, इतने में ही तीन गांव से करीब 400 लोगों की भीड़ ट्रैक्टर-ट्राली में कथित गोवंश के अवशेष भरकर चिंगरावठी पुलिस चौकी के पास पहुंच गई और जाम लगा दिया. भीड़ का नेतृत्व बजरंग दल के नेता योगेश राज और बीजेपी नेता शिखर अग्रवाल कर रहे थे.

इसी दौरान भीड़ जब उग्र हुई तो पुलिस ने काबू पाने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े और जल्द ही वहां फायरिंग भी होने लगी. जिसमें सुबोध कुमार घायल हो गए और एक युवक भी जख्मी हो गया. सुबोध कुमार को अस्पताल ले जाने से रोका गया और उनकी कार पर जमकर पथराव भी किया गया. अब पुष्टि हुई है कि सुबोध कुमार की मौत गोली लगने से हुई है.

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गौरतलब है कि बुलंदशहर के जिलाधिकारी के अनुसार, सुबोध कुमार के सिर में गोली लगी थी, जिस कारण उनकी मौत हुई है. उन्होंने यह भी बताया है कि हमले के बाद जब सुबोध कुमार ने खेत की तरफ जाकर खुद को बचाने की कोशिश की तो भीड़ ने उन पर वहां भी हमला किया. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को लिंचिंग मानने से इंकार किया है और कहा है कि यह एक महज घटना है.

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