
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में जिले के डीएम आलोक कुमार पांडेय ने माना है कि उनसे चूक हुई है. दरअसल इस मामले में जिला प्रशासन पर लगातार आरोप लग रहे है. जिला प्रशासन के मुताबिक ये शराब पड़ोसी राज्य उत्तराखंड से लाई गई थी. हरिद्वार के थाना झबरेड़ा के गांव बालूपुर में ज्ञान सिंह के बड़े भाई की तेरहवीं में गुरुवार रात शराब परोसी गई थी. इसी के पीने से अब तक 46 से ज्यादा लोगों की मौत और 90 से ज्यादा के उपचाराधीन होने की बात कही जा रही है.
इस बीच योगी सरकार ने इस मामले में एसआईटी जांच कराने का फैसला किया है. जांच के लिए SIT का गठन कर दिया गया है. इसके साथ ही कुशीनगर में तमकुहीराज के क्षेत्राधिकारी राम कृष्ण तिवारी और सहारनपुर में देवबंद के क्षेत्राधिकारी सिद्धार्थ को निलंबित किया गया है.
सहारनपुर के ही एक ग्रामीण पिंटू द्वारा शराब लाना बताया जा रहा है. उसकी भी शराब पीने से मौत हो गई, लेकिन पुलिस की इसी कहानी पर गांव वाले और खुद पिंटू के भाई जितेंद्र ने सवाल उठाए हैं. जितेंद्र के मुताबिक पिंटू पिछले 2 वर्षों से अवैध तरीके से शराब बेच रहा था और इसके बारे में इलाके में सबको पता था.
जितेंद्र ने आरोप लगाया है कि पुलिस इसके लिए बाकायदा पिंटू से हफ्ते लेती थी. जितेंद्र का ये भी कहना है कि पिंटू को कैंसर था और वो किसी तेरहवीं के कार्यक्रम में बालूपुर नहीं गया था. उसे पास के ही इलाके का एक शख्स शराब सप्लाई करता था और ये शराब भी वहीं से आई थी.
ज़हरीली शराब पीने से पिंटू सहित उसके परिवार के पांच लोगों की भी मौत हुई है. ऐसे में क्या पुलिस शराब को दूसरे राज्य का बता कर अपने आप को बचाने की कोशिश कर रही है. हालांकि आलोक पांडेय का कहना है कि शराब पड़ोसी राज्य के ज्ञान सिंह के यंहा से ही लाई गई थी. लेकिन दोनों की मौत हो चुकी है. ऐसे में कौन सही कह रहा है और कौन गलत ये तो जांच के बाद ही साफ होगा, लेकिन आलोक पांडेय ने बातचीत में माना कि उनसे चूक हुई है.और इसी चूक की भरपाई करने की कोशिश की जा रही है.